इंटर्नशिप अध्ययनरत छात्रों को कराता है बाहर के क्षेत्र का अनुभव: न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना

इंटर्नशिप अध्ययनरत छात्रों को बाहर के क्षेत्र का अनुभव कराता है। विधि छात्रों को कानून के साथ-साथ हर क्षेत्र की जानकारी अवश्य होनी चाहिये। विधि छात्रों को जीवनपरयन्त सीखने के पर्याप्त अवसर प्राप्त होते हैं, जिसका उपयोग छात्रों को अधिक से अधिक करना चाहिये।

Update: 2019-05-17 15:08 GMT

लखनऊ: इंटर्नशिप अध्ययनरत छात्रों को बाहर के क्षेत्र का अनुभव कराता है। विधि छात्रों को कानून के साथ-साथ हर क्षेत्र की जानकारी अवश्य होनी चाहिये। विधि छात्रों को जीवनपरयन्त सीखने के पर्याप्त अवसर प्राप्त होते हैं, जिसका उपयोग छात्रों को अधिक से अधिक करना चाहिये। यह उद्गार शुक्रवार को इन्दिरा भवन में उ.प्र. राज्य लोक सेवा अधिकरण द्वारा आयोजित विधि छात्रों के त्रिसाप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने व्यक्त किये।

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उन्होंने कहा कि विधि छात्रों को अपने जीवन का अधिक से अधिक समय का उपयोग कर कड़ी मेहनत करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से ही समाज में अपनी अलग पहचान बनती है। विधि छात्रों को अपने जीवन में दुःखी प्राणि के जीवन में अपने पेशे के माध्यम से खुशहाली के नाम से पर्याप्त अवसर प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाकर जो खुशी प्राप्त होती है, उसकी कोई कल्पना नहीं की जा सकती।

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इंटर्नशिप कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह, पूर्व लोकायुक्त एसएस वर्मा, डाॅ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के.भटनागर, शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.के.पी. सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त कर इंटर्नशिप कर रहे विधि छात्रों को अपने जीवन में सफल होने हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।

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