Board Exams News: अब साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, विद्यार्थियों को दी जाएगी ये छूट

Board Exams News: अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा। विद्यार्थियों को इस बात की छूट दी जाएगी कि वे दोनों बोर्ड एग्जाम में से किसी एक का जिसमें नंबर बढ़िया होगा, उसे फाइनल मार्क्स मान सकते हैं।

Update:2023-08-23 15:41 IST
Board Exams News (Photo- Social Media)

Board Exams News: केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर इन दिनों घमासान मचा हुआ है। खासकर दक्षिण भारत की राज्य सरकारें इसका काफी विरोध कर रही हैं। लेकिन मोदी सरकार इन विरोधों को दरकिनार करते हुए नई शिक्षा नीति में किए गए प्रावधानों को लागू करने की कवायद में जुट गई है। इसी के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा-परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की है।

आज यानी बुधवार 23 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अपडेट में बताया गया कि अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा। विद्यार्थियों को इस बात की छूट दी जाएगी कि वे दोनों बोर्ड एग्जाम में से किसी एक का जिसमें नंबर बढ़िया होगा, उसे फाइनल मार्क्स मान सकते हैं। अभी तक बोर्ड परीक्षा साल में एकबार ही आयोजित होती रही हैं। हालांकि, स्कूलों की ओर से इंटरनल एसेसमेंट और हाफ ईयरली परीक्षाएं आयोजित की जाती रही हैं।

स्ट्रीम चुनने की बाध्यता खत्म

10वीं पास करने के बाद विद्यार्थियों के सामने सबसे बड़ा सवाल होता है कि आखिर वो कौन सा स्ट्रीम चुने, जिससे कि उनका करियर संवर सके। छात्र अपनी रूचि और अवसर को देखते हुए कला, विज्ञान, वाणिज्य और वोकेशनल आदि में से किसी एक का चुनाव करते हैं। नए बदलावों के अंतर्गत अब ये बाध्यता समाप्त कर दी गई है। 11वीं और 12वीं के विद्यार्थी के पास इन कक्षाओं में अपने पसंद के विषय चुनने की छूट होगी। साथ ही विद्यार्थियों को इन दोनों कक्षाओं में भाषा के दो विषय चुनने होंगे, जिसमें से एक का भारतीय भाषा होना जरूरी है।

अगले सत्र में होगा लागू

शिक्षा मंत्रालय द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को लेकर की गई घोषणा वर्ष 2024 – 25 से लागू किए जाएंगे। मंत्रालय ने अपने अपडेट में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक, नया करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है। इनके मुताबिक किताबें 2024 सत्र के लिए तैयार की जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड एग्जाम के नए पैटर्न के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों की विषयों को लेकर समझ और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी।

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