रजनीकांत ही नहीं इन स्टार्स ने भी राजनीति से बनाई दूरी, जानिए इसके पीछे की वजह

गोविंदा इंडियन नेशनल कांग्रेस के साथ जुड़े रहे लेकिन साल 2008 में गोविंदा ने पॉलिटिक्स छोड़ दी। और अपना पोलिटिकल कैरियर छोड़ने की वजह यह बताया कि उनका एक्टिंग करियर खराब हो रहा है।

Update: 2020-12-30 05:27 GMT
रजनीकांत ही नहीं इन स्टार्स ने भी राजनीति से बनाई दूरी, जानिए इसके पीछे की वजह

मुंबई: बॉलीवुड के कई फिल्मी सितारे फिल्मों पॉलिटिक्स में उतर आये हैं। इन सितारों की बात करें तो अपने कॅरियर को चमकाने के लिए राजनीति हमेशा से फिल्मी सितारों को लुभाती रही है। पर कुछ समय बाद ये सितारे राजनीती से नाता तोड़ लिया ,उसको ये बात समझ आ गई की पॉलिटिक्स करना उनके बीएस की बात नहीं। आपको बताते हैं ऐसे सितारों के बारे में जो पॉलिटिक्स में अपना करियर बनाने के बाद भी राजनीती से टाटा बाई कर दिया।

रजनीकांत नहीं बनाएंगे अपनी पार्टी

कुछ समय पहले रजनीकांत ने यह अनाउंसमेंट किया था कि वह राजनीति में कदम रखने वाले हैं। रजनीकांत ने कहा कि वह अपनी एक पार्टी मनाएंगे। ऐसा लग रहा था कि यह सच हो जाएगा लेकिन कुछ समय पहले ही शूटिंग के समय कुछ समय पहले ही शूटिंग के समय अचानक तबीयत बिगड़ जाने की वजह से उनको हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद से रजनीकांत ने यह ऐलान किया कि अब वह राजनीति में कदम नहीं रखेंगे मगर लोगों की सेवा करते रहेंगे। राजनीति में ना होकर भी लोगों की सेवा की जा सकती है।

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मेंबर ऑफ लोकसभा रहे राजेश खन्ना

बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना ने भी राजनीति में अपना हाथ अजमाया और उनको कामयाबी भी मिली। राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को साल 1992 में राजनीति में मात दे दी थी। लेकिन मेंबर ऑफ लोकसभा होते हुए भी साल 1996 में पॉलीटिकल करियर को अलविदा कह दिया। लेकिन राजेश खन्ना कांग्रेस पार्टी से हमेशा जुड़े रहे।

अमिताभ बच्चन का नाम बोफोर्स घोटालों से जुड़ा

बॉलीवुड के बिग बी अमिताभ बच्चन नेवी पॉलिटिक्स मैं अपना हाथ आजमाया । अमिताभ बच्चन ने पॉलिटिक्स में कदम रखते ही फिल्मों से साल 1984 में ब्रेक ले लिया और लोक सभा इलेक्शन के लिए इलाहाबाद से खड़े हुए और वह इलाहाबाद से इलेक्शन लड़े । और वे जीते भी। वह बोफोर्स घोटालों में उनका नाम लिया गया। अपने नाम को इस तरह उछलता देख उन्होंने पॉलिटिक्स को अलविदा कह दिया।

 

 

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पॉलिटिक्स के साथ एक्टिंग हो पा रही

मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बने गोविंदा साल 2004 से 2009 तक अपनी यह पद संभाला। गोविंदा इंडियन नेशनल कांग्रेस के साथ जुड़े रहे लेकिन साल 2008 में गोविंदा ने पॉलिटिक्स छोड़ दी। और अपना पोलिटिकल कैरियर छोड़ने की वजह यह बताया कि उनका एक्टिंग करियर खराब हो रहा है।

नॉमिनेशन फाइल को कोर्ट ने किया रिजेक्ट

संजय दत्त ने भी पॉलिटिक्स मैं दिलचस्पी दिखाई । संजय दत्त समाजवादी पार्टी मैं शामिल हुए थे। संजय दत्त ने साल 2009 में लोकसभा इलेक्शन के लिए नॉमिनेशन फाइल किया था लेकिन कोर्ट ने इस नॉमिनेशन फाइल को रिजेक्ट कर दिया था। संजय दत्त इसके बाद समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बन गए। उसके बाद वे साल 2010 में इस पद से इस्तीफा दे दिया।

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