बाॅलीवुड के उस्तादः लता-सोनू- शान को सिखाई बारीकियां, इन फिल्मों को दिया संगीत
लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से उन्होंने कॉन्फिडेंस के साथ गाने का हुनर सीखा। गजल गायक हरिहरन बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम और शान ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को अपना गुरु माना।
अखिलेश तिवारी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जन्म लेने वाले उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने अपने संगीत जीवन की शुरुआत 8 साल की उम्र में बदायूं के जन्माष्टमी मेले से की थी। अपने ताऊ स्टार्ट फिदा हुसैन और उस्ताद निसार खान से संगीत सीखने वाले उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने बाद में बॉलीवुड की कई मशहूर हस्तियों को सुर साधने में मदद की।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का जन्मदिन आज
लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से उन्होंने कॉन्फिडेंस के साथ गाने का हुनर सीखा। गजल गायक हरिहरन बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम और शान ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को अपना गुरु माना। सोनू निगम ने एक बार कहा कि उन्होंने जब उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से गंडा बंधवा कर संगीत की तालीम ली तो उन्हें मालूम हुआ कि संगीत साधना असल में कैसी होती है। उनके जीवन में उस्ताद से संगीत सीखने के बाद जबरदस्त बदलाव आया।
ये भी पढ़ेँ- टीम इंडिया के लिए खुशखबरी, इस ऑलराउंडर की मैदान पर हुई वापसी
बाॅलीवुड के दिग्गज गायकों ने माना उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को गुरू
एक कार्यक्रम में गायक शान ने भी कहा कि उनके पिता का निधन बचपन में हो गया था लेकिन जब वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से मिले और उनसे संगीत की तालीम ली तो उन्हें हमेशा यह एहसास बना रहा कि उन्हें उस्ताद के रूप में दूसरा पिता मिल गया है।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का शुरूआती जीवन
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का जन्म बदायूं में 3 मार्च 1931 को हुआ। उनके पिता भी अपने समय के मशहूर गायक थे ।उनका पूरा परिवार गाने बजाने में शामिल था उनकी मां उस्ताद इनायत अली खान की बेटी थी, जो नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी संगीतकार थे।
ये भी पढ़ेँ- मुकेश अंबानी क्यों हैं आतंकियों की हिट लिस्ट में, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
उन्होंने अपने शुरुआती शिक्षा अपने ताऊ उस्ताद फिदा हुसैन खान से हासिल की जो बड़ौदा राजघराने के मशहूर गायक थे. रामपुर सहसवान संगीत घराने से शिक्षा हासिल करने वाले उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने बाद में उस्ताद निसार हुसैन खान से भी तालीम हासिल की।
गुलाम मुस्तफा खान का पहला कार्यक्रम 8 साल की उम्र में
अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि एक बार जब वह दिल्ली में संगीत के अखिल भारतीय कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे तो उस्ताद बड़े गुलाम अली खान ने सुना और उनकी गायकी से प्रभावित होकर उन्हें अपना ढेर सारा आशीर्वाद दिया और उन्नति की कामना की।
ये भी पढ़ेँ- मालदीव में 34वां बर्थडे मना रहीं श्रद्धा कपूर, पिता से मांगा से स्पेशल गिफ्ट
8 साल की उम्र में उन्होंने सबसे पहला अपना कार्यक्रम बदायूं के जन्माष्टमी मेले में किया। इस मेले में उनके गायन को हजारों लाखों की भीड़ ने पसंद किया और जमकर तारीफ की। बाद में ऑल इंडिया रेडियो से लेकर तमाम अवसरों पर उन्हें तारीफ मिलती रही।
बॉलीवुड को दिए ये प्रसिद्ध गाने
बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी उन्होंने अपने संगीत का जादू बिखेरा। बदनाम बस्ती, नूरजहां ,उमराव जान जैसी कई फिल्में हैं जिनमें उनकी गायकी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला। उमराव जान फिल्म में गाया हुआ उनका झूला " झूला किन्ने डाला रे अमरैया...." आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार ए आर रहमान के साथ मिलकर शानदार प्रस्तुतियां दी।
मुस्तफा खान को मिले पद्मश्री, पद्मभूषण समेत ये अवार्ड
शास्त्रीय गायकी में अव्वल होने के साथ ही उन्होंने रहमान के साथ मिलकर कोक स्टूडियो में भारतीय संगीत और पाश्चात्य का फ्यूजन प्रस्तुत किया। भारत सरकार ने उन्हें पद्म सम्मान देकर सम्मानित किया। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को 1991 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया 2006 में उन्हें पद्मभूषण और दो हजार अट्ठारह में पद्म विभूषण देकर सम्मानित किया गया संगीत नाटक अकादमी अवार्ड , इंडियन नेशनल अकैडमी फॉर म्यूजिक डांस एंड ड्रामा वार्ड भी उन्हें मिल चुका है।
ए आर रहमान के साथ किया काम
उनकी संगीत साधना और गायकी के मुरीद संगीत प्रेमियों का मानना है कि उस्ताद ने अपने गायन से जितना भारतीय संगीत को समृद्ध किया उससे भी ज्यादा नई पीढ़ी को संगीत की तालीम देकर किया।
ये बाॅलीवुड़ दिग्गज उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के शिष्य
उनकी शिष्य परंपरा में मशहूर गायिका आशा भोंसले, मन्ना डे ,वहीदा रहमान, कमल बारोट, रानू मुख़र्जी, गीता दत्त, ए आर रहमान, सना , सागरिका, अलीशा चिनॉय, शिल्पा राव, कल्पना के नाम शामिल हैं। उनके भतीजे राशिद खान के अलावा चार बेटे भी हैं जो उनसे संगीत की तालीम हासिल करने के बाद गायन की दुनिया में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। उनके बेटों ने ए आर रहमान के संगीत निर्देशन में हाजी पिया हाजी अली गाकर शोहरत हासिल की है तो भतीजे राशिद खान ने जब वी मेट फिल्म के लिए आओगे जब तुम साजना गाया है।