अजान पर जावेद अख्तर ने दिया ऐसा बयान, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। शनिवार को वो अपने एक ट्वीट के चलते विवादों के घेरे में आ गए हैं।
नई दिल्ली: स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। शनिवार को वो अपने एक ट्वीट के चलते विवादों के घेरे में आ गए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि भारत में तकरीबन 50 साल तक लाउड स्पीकर पर अजान हराम थी।
इसके बाद ये हलाल हो गई और इस कदर हलाल हुई कि इसकी कोई सीमा ही नहीं रही। अजान करना ठीक है लेकिन लाउड स्पीकर पर इसे करना दूसरों के लिए दिक्कत का सबब बन जाता है। मुझे उम्मीद कि कम से कम इस बार वो इसे खुद करेंगे।
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ट्रोलर्स ने घेरा
जावेद अख्तर अपने इस ट्वीट से सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि हमारे यहां रोज मंदिर में लाउडस्पीकर पर भजन बजते हैं इस पर आपकी क्या राय है? यूज़र की इस बात का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा वो मंदिर हो या मस्जिद, कभी किसी त्योहार पर लाउडस्पीकर हो, तो चलो ठीक है। मगर रोज रोज तो न मंदिर में होना चाहिए न मस्जिद में। हजार से अधिक वर्षों के लिए अजान लाउडस्पीकर के बिना दी गई थी। अजान आपके विश्वास का अभिन्न अंग है, यह गैजेट नहीं है।
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वहीं एक और यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा कि लाउड स्पीकर्स पर सिर्फ अजान को बैन करने की बात कहकर तुम्हें अपनी सेकुलरिज्म साबित करने की जरूरत नहीं है। बैन करना है तो लाउड स्पीकर को पूरी तरह से बैन किया जाना चाहिए। चाहे ये गणेश चतुर्थी पर हो अजान पर, रविवार को या फिर किसी अन्य धार्मिक मौके पर। वीआईपी शादियों में होने वाले शोर को भी हमें नहीं भूलना चाहिए।
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अजान खूबसूरत पुकार है
वहीं एक और अन्य यूजर ने लिखा कि आपके बयान से असहमत हूं। कृपया इस्लाम और उसके विश्वास से जुड़े बयान मत दीजिए। आप जानते हैं कि हम ऊंची आवाज में गाने नहीं चला रहे हैं और ना ही कोई खराब काम कर रहे हैं। अजान बहुत खूबसूरत पुकार है प्रार्थना के लिए और सही रास्ते पर चलने के लिए।
इसका जवाब देते हुए जावेद ने लिखा, "तो आप ये कह रहे हैं कि वो सभी इस्लामिक जानकार जिन्होंने 50 साल तक लाउडस्पीकर को हराम करार दे रखा था वो गलत थे।"
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