YouTube: विश्व की नंबर 1 आर्टिस्ट बनी 'अल्का याग्निक'
90 के दशक में बॉलीवुड पर राज करने वाली अल्का अब लाइव शो करती हैं। वह खुद इस बात से हैरान हैं और इस टॉप पोजीशन का क्रेडिट जनता को देती हैं। अल्का के बाद भारतीय कलाकारों की बात करें तो 193 मिलियन व्यूज के साथ नेहा कक्कड़ तीसरे नंबर हैं।
मुम्बई: यूट्यूब ने टॉप ग्लोबल आर्टिस्ट की एक लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में 206 मिलियिन व्यूज के साथ अल्का याग्निक टॉप पर हैं। अल्का के बाद भारतीय कलाकारों की बात करें तो 193 मिलियन व्यूज के साथ नेहा कक्कड़ तीसरे नंबर हैं।
इन दोनों सितारों के अलावा कुमार सानू और उदित नारायण भी टॉप 10 में शामिल हैं। कुमार सानू 158 मिलियन व्यूज के साथ छठीं पोजीशन पर हैं। वहीं उदित नारायण 146 मिलियन व्यूज के साथ आठवें नंबर पर हैं।
90 के दशक में बॉलीवुड पर राज करने वाली अल्का अब लाइव शो करती हैं। वह खुद इस बात से हैरान हैं और इस टॉप पोजीशन का क्रेडिट जनता को देती हैं।
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अल्का के नंबर वन होने का सफर भी मजेदार रहा है। अमिताभ बच्चन की फिल्म 'लावारिस' का गाना 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है...' तो आप सभी ने सुना होगा। 80 के दशक का ये सुपरहिट गाना आज भी लोगों के बीच उतना ही पॉपुलर है।
इस गाने को अपनी मखमली आवाज से और ज्यादा दिलकश बनाने वाली खूबसूरत सिंगर अल्का याग्निक आज यूट्यूब पर राज कर रही हैं। यही वो गाना है जिसे गाकर उन्हें फिल्मों में पहली बार सफलता का स्वाद चखने को मिला।
अल्का उन दिनों को याद कर कहती हैं कि संगीतकार जोड़ी कल्याण जी आनंद जी तब कहा करते थे कि उनका नाम 'अंगना याग्निक' होना चाहिए। 90 के दशक में एक से बढ़कर एक हिट गाने देने वाली अल्का ने 6 साल (1972) की उम्र में ही ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाना शुरू कर दिया था।
इसे बाद दस साल की उम्र में अल्का की मां उन्हें मुंबई ले आईं। लेकिन यहां उन्हें आवाज मैच्योर होने तक रुकने को कहा गया। उनकी मां को ये बात अटपटी लगी। लेकिन ये इंतजार कुछ ही दिनों का था।
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वह लगातार मुंबई आती रहीं। इसी आने जाने में एक बार कोलकाता के एक डिस्ट्रिब्यूटर ने अल्का को राज कपूर के लिए चिट्ठी देकर भेजा। राज कपूर ने जब अल्का को सुना तो वह काफी इंप्रेस हुए। उन्होंने इंडस्ट्री के नामी म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को एक चिट्ठी लिखी और अल्का को उनके पास भेजा।
जब अल्का लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के पास पहुंचीं तो उन्होंने दो ऑप्शन दिए 'अभी डबिंग आर्टिस्ट के तौर पर शुरुआत करें' या 'कुछ दिन बाद बतौर सिंगर डेब्यू करें'। इस पर अल्का की मां शुभा ने दूसरा ऑप्शन चुना।
1981 में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने 'लावारिस' के गाने 'मेरे अंगने में' में अल्का को मौका दिया। ये हिट रहा और अल्का दर्शकों के साथ-साथ फिल्म मेकर्स की भी पहली पसंद बन गईं। लावारिस का ये हिट गाना अल्का का दूसरा गाना था। उनका पहला गाना 1980 में आई 'पायल की झंकार' में था।