Hardoi News: गौरैया को बचाने के लिए घरों में घोंसला लगाकर दे संरक्षक- डॉ राजेश मिश्र
Hardoi News: फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीड़ों को वह तथा उसके बच्चे खा जाते हैं। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
Hardoi News: बीसवीं सदी के बच्चों ने चीं-चीं करती, फुदकती फुर्र से उड़ती गौरैया को केवल देखा ही नहीं बल्कि उसे पकड़ने का प्रयास भी किया, लेकिन आज के अधिकांश बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने गौरैया को नहीं देखा।
शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् के संस्थापक व वरिष्ठ नेचरोपैथ डॉक्टर राजेश मिश्र ने ‘विश्व गौरैया दिवस‘ पर घोंसले वितरित करते हुए कहा कि गौरैया की चहचहाहट को वापस लाने के लिए सक्षम लोग अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर घोंसले लगाएं। कहा, हर ऋतु में उनके लिए दाना-पानी रखें। डॉ मिश्र ने ऋषियों के आश्रम की शोभा का वर्णन करते हुए कहा कि अहिंसक व्यक्ति के आस-पास पक्षी जल्दी आने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीड़ों को वह तथा उसके बच्चे खा जाते हैं। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है। प्रीतेश दीक्षित ने कहा कि चीन में गौरैया को शत्रु समझकर मार दिया गया था। कालान्तर में वहां अकाल पड़ा तब चीनियों ने समझा कि गौरैया की प्रजाति को नष्ट करने से यह दुर्दशा हुई है। उसके बाद दूसरे देश से गौरैया को लाये और उसका संवर्धन किया।
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पक्षी विज्ञानियों के अनुसार गौरैया को फिर से बुलाने के लिए लोगों को अपने घरों में कुछ ऐसे स्थान उपलब्ध कराने चाहिए, जहां वे आसानी से अपने घोंसले बना सकें और उनके अंडे तथा बच्चे हमलावर पक्षियों से सुरक्षित रह सकें। वैज्ञानिकों का मानना है कि गौरैया की आबादी में ह्रास का एक बड़ा कारण यह भी है कि कई बार उनके घोंसले सुरक्षित जगहों पर न होने के कारण कौए जैसे हमलावर पक्षी उनके अंडों तथा बच्चों को खा जाते हैं।
तभी ये हमारे बीच चह चहायेंगे
गौरैया आजकल अपने अस्तित्व के लिए मनुष्यों और अपने आसपास के वातावरण से काफी जद्दोजहद कर रही है। ऐसे समय में हमें इन पक्षियों के लिए वातावरण को इनके प्रति अनुकूल बनाने में सहायता प्रदान करनी चाहिए। तभी ये हमारे बीच चह चहायेंगे। मनुष्यों को गौरैया के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही होगा, वरना यह भी मॉरीशस के ‘डोडो‘ पक्षी और गिद्ध की तरह पूरी तरह से विलुप्त हो जायेंगे। इसलिए सभी को मिलकर गौरैया का संरक्षण करना होगा। डॉ श्रुति दिलीरे, डॉ अभिषेक पाण्डेय, नन्द किशोर सागर, योगेश देवल, ओम पाण्डेय, योगेश कश्यप, सुनीत गुप्ता ने गौरैया संरक्षण का संकल्प लिया।