Zika Virus: केरल में जीका के मामले सामने आने के बाद अलर्ट, जाने कितने हुए संक्रमित

Zika Virus: केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य भेजा गया है।

Report :  Network
Published By :  Sushil Shukla
Update:2021-07-10 09:22 IST

भारत में मिले जीका वायरस के केस (photo : social media ) 

Zika Virus: केरल (Kerala) में बृहस्पतिवार को मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला 24 साल की गर्भवती महिला में सामने आया। राज्य सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) ने शुक्रवार को 13 और ऐसे मामलों की पुष्टि की। इस तरह शुक्रवार को जीका वायरस (Zika Virus) संक्रमण के कुल मामले 14 हो गये। जीका के लक्षण डेंगू (Dengue) की तरह हैं जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होना शामिल है। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोक-थाम के लिए कार्रवाई योजना तैयार की गयी है। जिला चिकित्सा अधिकारियों की बैठक में मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर जांच करानी चाहिए।

दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'केरल से जीका के कुछ मामले आये हैं। हालात पर नजर रखने और राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए छह सदस्यीय दल को वहां पहुंचने और जीका के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए निर्देश दिये गये हैं। इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मच्छर जनित रोगों के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।

जीका वायरस के लक्षण

फोटो साभार सोशल मीडिया

बता दें कि जीका वायरस के लक्षण चिकनगुमिया और डेंगू जैसे होते हैं। आमतौर पर मच्छर के काटे जाने के 2-7 दिन के बीच कोई भी जीका वायरस से संक्रमित होता है। बता दें कि संक्रमित मरीज में हल्का बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी जैसे लक्ष्ण दिखाई पड़ते हैं।

जीका वायरस से बचाव

स्वास्थ्य अधिकारियों की माने तो संक्रमित व्यक्ति अगर पर्याप्त आराम करता है तो इस संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। जीका वायरस के लिए फिलहाल कोई एंटी फंगल दवा या वैक्सीन का निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में सबसे बेहतर उपाय है कि मच्छरों के दिन के समय काटने से बचा जाए। बता दें कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है क्योंकि इससे भ्रूण को वायरस मिल सकता है। इस कारण पैदा होने वाले बच्चे में किसी तरह की विकार की संभावना बढ़ जाती है।

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