Anti-Aging Food: इस एक चीज को खाने से बुढ़ापे तक जवान रहेगी स्किन, इग्नोर करने पर पछताएंगे
Skin Care Tips In Hindi: अगर समय रहते ही कोलेजन रिच फूड को अपनी डाइट में शामिल कर लिया जाए तो झुर्रियों और ढीली त्वचा से बचा जा सकता है।
Anti-Aging Food: बुढ़ापा तो हर किसी का तय है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ चेहरे पर दिखने वाली झुर्रियां, महीन रेखाएं और ढीली त्वचा किसी को नहीं पसंद होती। ऐसा कोलेजन की कमी (Collagen Ki Kami) के कारण हो सकता है। 25 साल के बाद शरीर में कोलेजन प्रोडक्शन (Collagen Production) में कमी होने लगती है। यह शरीर में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो हमारी त्वचा, बाल और संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यह प्रोटीन स्किन टाइटनिंग में भी मदद करता है, जिससे त्वचा पर झुर्रियां नजर नहीं आतीं। ऐसे में समय रहते ही अपनी डाइट में कोलेजन से भरपूर खाद्य पदार्थ (Collagen Rich Food) को शामिल कर लेना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसे ही कोलेजन रिच फूड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप लंबे समय तक जवान दिख सकते हैं।
कोलेजन की कमी से क्या होता है?
1- त्वचा का ढीला पड़ना
2- जोड़ों में दर्द
3- कमजोर बाल और नाखून
4- हड्डियों का घनत्व कम होना
5- मांसपेशियों में कमी
कोलेजन बढ़ाने के लिए खाएं टमाटर (Eating Tomato Benefits In Hindi)
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कोलेजन (Collagen) के स्तर को बनाए रखना कठिन हो जाता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में प्राकृतिक रूप से कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं। उनमें से एक है टमाटर (Tomato)। विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और ढेर सारे पौष्टिक तत्वों से भरपूर टमाटर स्किन (Skin) के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, लाइकोपीन कोलेजन बढ़ाने में मदद करते हैं। एक मध्यम आकार के टमाटर (Tomato) से शरीर को 30 फीसदी तक कोलेजन मिल सकता है।
बता दें शरीर को प्राकृतिक रूप से कोलेजन का उत्पादन करने के लिए विटामिन सी (Vitamin C) की जरुरत होती है। ऐसे में विटामिन सी से भरपूर टमाटर को आप अपने आहार में शामिल करके कोलेजन का स्तर (Collagen Level) बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज (Anti-Aging Properties) से युक्त टमाटर स्किन को कई प्रकार की समस्याओं से बचाने का काम कर सकता है। रोजाना टमाटर खाने से आपकी स्किन यूथफुल और रेडिएंट बनी रहेगी।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इस पर अमल करने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।