नई दिल्ली : आयुर्वेद में इसे केशराज यानी बालों का राजा कहा जाता है। भृंगराज दरअसल सूर्यमुखी परिवार से संबंधित पौधा होता है। इसे भारत, थाईलैंड, नेपाल और ब्राजील जैसे इलाकों में उगाया जाता है। भृंगराज तेल में भृंगराज के पौधे (इक्लिप्टा एल्बा) का सत और प्राकृतिक कैरियर ऑयल (आमतौर पर तिल या नारियल का तेल) का मिश्रण होता है। बालों के बेहतरीन होने के साथ ही भृंगराज तेल आपके लिवर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भृंगराज तेल सिर की स्किन में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। पोषण युक्त रक्त संचार के चलते बालों की जड़ों की अच्छी वृद्धि होती है। भृंगराज तेल हेयर फॉलिकल्स को सक्रिय करता है, जिससे बालों की वृद्धि प्रोत्साहित होती है।
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रूसी और पपड़ीदार त्वचा से बाल तेजी से झड़ते हैं। भृंगराज तेल गाढ़ा होता है, जिसका मतलब है कि यह आसानी से स्काल्प के अंदर तक चला जाता है, जिससे रूखेपन की समस्या से राहत मिलती है।
यह अपने एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसे लगाने के बाद हेयर फॉलिकल्स की सूजन कम होती है।
भृंगराज तेल ठंडक प्रदान करने वाले गुण के लिए जाना जाता है। इस तेल से सिर के नियमित मसाज से तनाव संबंधित हेयर लॉस से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यह हेयर फॉलिकल्स को पुनर्जीवन प्रदान करता है और उनकी वृद्धि में सहायता करता है। इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी हैं, जो उन मिनरल्स की कमी को पूरा करता है, जिनकी कमी के चलते बाल झड़ते हैं।
भृंगराज ऑयल बालों के नैसर्गिक रंग को बनाए रखने में और असमय सफेद हो रहे बालों को नियंत्रित करने में मदद करता है। मनचाहा नतीजा पाने के लिए नियमित रूप से तेल का इस्तेमाल करें। आंवला तेल में भृंगराज तेल मिलाएं और सोने से पहले इसे स्काल्प पर मसाज करते हुए लगाएं। इसके पत्तों से तैयार किया गया ब्लैक डाई बालों को नैचुरल तरीक़े से कलर करता है।
भृंगराज आयरन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, कैल्शियम और? विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। इसके अलावा भृंगराज का पौधा एंटीलेप्रॉटिक, एंटीहेमोरेजिक, एनैलजेसिक, एंटीहेप्टॉक्सिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल गुणों से युक्त होता है।