बड़ी खबर, भारत ने खोजा कोरोना टीका, अब पूरी दुनिया को बचाएगा इंडिया

देश ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपना टीका तैयार कर लिया है। देश का पहला टीका है जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में पूरी तरह सफल होगा।

Update: 2020-04-11 10:24 GMT

ये सच है कि भारतीय वैज्ञानिक दुनिया के किसी देश के वैज्ञानिकों से पीछे नहीं हैं। सीमित साधनों के बीच वह अपनी मेधा का कमाल दिखाने से नहीं चूकते हैं। दुनिया के लिए चुनौती बने कोरोना वायरस को भारत के वैज्ञानिकों ने शिकस्त दे दी है और इस वायरस का टीका ईजाद कर लिया है।

भारत बायोटेक कंपनी ने अपने देश में जानवरों पर दवाओं का परीक्षण करने की इजाजत न होने के चलते मजबूरी में वह अमेरिका में इस पर ट्रायल शुरू कर चुके हैं। और अमेरिका में सुरक्षा मानकों पर मंजूरी मिलने के बाद इस टीके को लांच कर दिया जाएगा।

इसी के साथ भारत ने एक बार से दुनिया में अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा मनवा दिया है। बड़े-बड़े देश कोरोना वायरस की काट खोजने में जुटे हैं कोई सितंबर तक तो कोई अगले साल इसकी काट देने का दावा कर रहा है, लेकिन देश ने इस वायरस का टीका तैयार कर लिया है।

इस टीके पर लगभग सभी शोध पूरे हो चुके हैं। बस अमेरिका में क्लीनिकल ट्रायल में पास होने के बाद जल्दी ही यह वैक्सीन पूरी दुनिया में लोगों की जान बचाएगा।

ये है इस टीके का नाम

भारत बायोटेक कंपनी कोरोना से लड़ने वाले इस टीके की खोज की है। कंपनी के चेयरमैन डॉ. कृष्णा इल्ला ने बताया कि देश ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपना टीका तैयार कर लिया है। देश का पहला टीका है जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में पूरी तरह सफल होगा। इस टीके का नाम कोरो-वैक्स रखा गया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान में हम अमेरिका यूरोप या चीन से किसी भी मामले में कम नहीं हैं।

वायरस से बचाने के लिए इसे नाक में डाला जाएगा। साथ ही यह दवा इतनी प्रभावी है कि सामान्य फ्लू होने पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चूंकि भारत में जानवरों पर दवाओं के परीक्षण की इजाजत नहीं है इसलिए कंपनी ने इस टीके का क्लीनिकल ट्रायल अमेरिका में करना शुरू किया है क्योंकि अमेरिका में जानवर और इंसानों के ट्रायल एक साथ होते हैं।

कंपनी की मार्केटिंग रणनीति के मुताबिक एक बॉटल में 15 से 20 बूंद दवा होगी। इसे जानबूझ कर इस तरह से तैयार किया गया, जिससे इसे रखने और डिलीवरी में आसानी हो। डॉ कृष्णा एला ने बताया कि हमने हर साल करीब 30 करोड़ वैक्सीन तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इससे पहले भी कंपनी के वैज्ञानिकों ने एच1एन1 फ्लू, चिकनगुनिया, टाइफाइड समेत 16 किस्म के टीके बनाए हैं।

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