Brain Infection: 5 साल की बच्ची के दिमाग में घुसकर 'दिमाग खाने वाला अमीबा' नेगलेरिया फाउलेरी बना मौत की वजह

Brain Infection Naegleria Fowleri: केरला में 5 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है जिसकी वजह जानकार हर कोई हैरान रह गया। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

Update:2024-06-19 10:38 IST

Naegleria Fowleri (Image Credit-Social Media)

Naegleria Fowleri: केरल से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं दरसअल यहाँ एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गयी है लेकिन इसके पीछे की वजह काफी चौकाने वाली है। दरअसल मिली जानकारी के मुताबिक लड़की तालाब में नहाने गयी थी जहाँ उसकी नाक के ज़रिये फ्री लिविंग अमीबा दिमाग में घुस गया इससे लड़की की मौत हो गयी। आईटी जानते हैं क्या है पूरा मामला।

क्या है नेगलेरिया फाउलेरी (What is Naegleria Fowleri)

पिछले महीने एक 5 साल की बच्ची की मौत की वजह जब सामने आई तो इसने हर किसी को डरा दिया। बच्ची 1 मई को तालाब में नहाने गयी थी। जिसके बाद 10 मई को लड़की की तबियत बिगड़ने लगी उसे बुखार, सिरदर्द और उल्टी के लक्षण दिखाई देने लगे। थोड़ी ही देर में लड़की की तबियत इतनी ज़्यादा खराब हो गयी कि उसे वेंटिलेटर पर रख दिया गया। लेकिन डॉक्टरों के लाख प्रयासों के बावजूद भी लड़की की हालत सही नहीं हो रही थी और दवाएं भी कोई असर नहीं कर रहीं थीं।

ये घटना केरल के मलप्पुरम जिले की है जहाँ अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नाम की अजीबोगरीब बीमारी का पता चला है। विशेषज्ञों के अनुसार ये दिमाग में होने वाले इन्फेक्शन से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसी इन्फेक्शन के चलते 5 साल की बच्ची की मौत हो गयी। इस इन्फेक्शन की वजह गन्दा पानी है।

मीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से पीड़ित पांच साल की बच्ची की मौत से हड़कंप मच गया है जिसने भी ये खबर सुनी वो दंग रह गया है। इसकी वजह है गंदे पानी में पाए जाने वाले फ्री लिविंग अमीबा। दरअसल ये बच्ची मून्नियूर पंचायत की रहने वाली थी सोमवार रात को इलाज के दौरान कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान में मौत हो गई। बच्ची यहाँ एक हफ्ते से अधिक समय से अपना इलाज करवा रही थी।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि ये इन्फेक्शन किसी व्यक्ति तो तब होता है जब वो पानी में पाई जाने वाली फ्री लिविंग अमीबा के संपर्क में आता है और वो नाक या कान के ज़रिये व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। वहीँ केरल के मलप्पुरम जिले में एक बच्ची की इसी के चलते मौत हो गयी वो 1 मई को गांव के पास के तालाब में नहाने गयी थी। वहां से आने के बाद उसे बुखार, सिरदर्द और उल्टी होने लगी। जिसके कुछ दिन बाद ही हालत काफी ख़राब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

लड़की के साथ और भी बच्चे उसी तालाब में नहाने गए थे इन सभी बच्चों की भी निगरानी राखी जा रही है। लेकिन फिलहाल इन संक्रमण मुक्त पाया गया जिसके बाद इन्हे छुट्टी भी दे दी गयी। ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है बल्कि साल 2017 हुए उसके बाद 2023 में भी राज्य के तटीय अलपुझा जिले में इस तरह की बीमारी का पता चला था। इस बीमारी में व्यक्ति को खार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

अगर साधारण बोल चाल की भाषा में कहें तो नेगलेरिया फाउलेरी को ब्रेन ईटिंग अमीबा कहा जाता है। इससे पहले भी भारत और कई अन्य देशों में लोगों की मौत की खबर आई है। इस बीमारी में 97 प्रतिशत ऐसा होता है जब व्यक्ति बच नहीं पाता है। ये एक लाइलाज बीमारी है जिसकी वजह से ब्रेन के सेल्स खराब होने लगते हैं।

दरअसल नेगलेरिया फाउलेरी एक अमीबा होता है जिसे फ्री लिविंग ऑर्गेनिज्म भी कहते हैं,जिसका मतलब ये है कि इसे सर्वाइव या सपोर्ट करने के लिए इकोसिस्टम की जरूरत नहीं पड़ती है। ये पूरी दुनिया में कहीं भी पैदा हो सकता है। साथ ही ये झीलों, नदियो, तालाबों और पानी, गर्म पानी कहीं भी पाया जाता है। 

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