Corona के चलते बच्चों को हो रही मानसिक परेशानियां, सामने आए ये लक्षण

Coronavirus: कोरोना वायरस ने बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाला है। बच्चे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक परेशानियों का भी सामना कर रहे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-07-03 07:58 IST
बच्चों में चिड़चिड़ापन (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी की एंट्री होने के बाद आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गईं। स्कूल-कॉलेज, घूमना-फिरना, ऑफिस, मनोरंजन सब पर पाबंदी लग गई। लोगों को लॉकडाउन की वजह से महीनों तक घरों में कैद रहना पड़ा है। ऐसे में लोगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है। एक बड़ी संख्या में लोग तनाव का भी शिकार हुए हैं। न केवल बड़े बल्कि बच्चों के दिमाग पर भी कोरोना काल ने बुरा असर डाला है। 

कोरोना वायरस के चलते बच्चे बीते करीब डेढ़ साल से घरों में कैद हैं। ऐसे में उनकी शारीरिक गतिविधियां मानो थम सी गई हैं। ऐसे में बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की डर की वजह से माता पिता अपने बच्चों को बाहर खेलने या अन्य कामों के लिए भेजना नहीं चाहते हैं। ऐसे में अब बच्चों का सामाजिक दायरा खत्म हो चला है।

स्कूल कॉलेज भी बंद हैं, ऐसे में वे अपने दोस्तों से भी नहीं मिल पा रहे। अलगाव, चिंता और डर की वजह से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। यही नहीं शारीरिक गतिविधियां कम होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी काफी ज्यादा असर पड़ रहा है। ऐसे में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी कम हो रही है। 

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हो रहीं ये परेशानियां 

चिड़चिड़ापन के हो रहे शिकार

बेवजह गुस्सा आना

रिस्पांस टाइम में कमी

काम में फोकस न हो पाना

डायरिया या पेट दर्द जैसी समस्या

प्रतिरोधक क्षमता का कम होना

क्या करें उपाय

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को इन सब समस्याओं से बचाने के लिए उनके माता-पिता को अपने बच्चे को पर्याप्त समय देना चाहिए। उनके साथ हर दिन कम से कम 3 घंटे समय बिताएं। उनके साथ कुछ गतिविधियां करें और बातचीत करें, ऐसा करने से वे तनाव और चिंता से दूर रहेंगे। साथ ही बच्चों को बाहर पार्कों में खेलने कूदने दें। हालांकि भीड़ से बचाकर रखें। क्योंकि कोरोना से भी बच्चों को बचाना है। इसके अलावा बच्चों को ज्यादा फोन व लैपटॉप न दें।

शारीरिक गतिविधियां कम होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी काफी ज्यादा असर पड़ रहा है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी कम हो रही है। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि देश में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो सकती है, ऐसे में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर भी जोर देना होगा। तो चलिए जानते हैं कि आप कैसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बना सकते हैं। 

डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी (फोटो- न्यूजट्रैक)

वहीं, कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए 'न्यूज़ट्रैक' ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी (Poonam Tiwari) से बात की। जिन्होंने अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों की इम्युनिटी (Immunity) बढ़ाने के लिए उन्हें क्या खाना चाहिए? क्या नहीं? इसके बारे में बताया...

0-5 वर्ष के बच्चों को क्या खाना चाहिए?

0-5 वर्ष तक के बच्चों के लिए डॉ. पूनम तिवारी ने बताया कि जो बच्चे 0-1 वर्ष के बीच हैं, वह मां का दूध पिएं। वहीं, जिन बच्चों के दांत निकल आए हैं, उन्हें मौसमी फल, सब्जियां, दलिया, खिचड़ी जैसी चीजें मसलकर खिलाएं। तो, जंक फूड व मैदा से बनी चीजें बिल्कुल न खिलाएं।

5-10 वर्ष के बच्चों को क्या खाना चाहिए?

डॉ. पूनम के मुताबिक- 5 से 10 वर्ष तक के बच्चों को छोटे-छोटे अंतराल पर खाने को दें। घर की बनी चीजों को ज्यादा से ज्यादा खिलाएं। वहीं, आरओ व अल्कलाइन वाटर अधिक मात्रा में पिएं।

10-18 वर्ष तक के बच्चों को क्या दें?

डाइटीशियन पूनम तिवारी ने कहा कि 10-18 वर्ष तक के बच्चे घर से बाहर ज्यादा निकलते हैं। तो, उन्हें घर का बना खाना ही खिलाएं। बाहर का खाना और जंक फूड न खिलाएं। वहीं, ठंडी चीजों (आइसक्रीम, कुल्फी) को बिल्कुल न दें।

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