Covid 19: नवजात शिशुओं को भी कोरोना वायरस का खतरा, जानिए बचाव के तरीके

दुनियाभर में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का प्रकोप छाया हुआ है। इस बीच लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान इस संक्रमण से बचाव पर है। ऐसे में नवजात की देखभाल भी उतना ही जरुरी हो जाता है जितना बडे, युवा और बुजुर्गों को है।

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Published By :  Satyabha
Update: 2021-07-20 11:01 GMT

दुनियाभर में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का प्रकोप छाया हुआ है। इस बीच लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान इस संक्रमण से बचाव पर है। ऐसे में नवजात की देखभाल भी उतना ही जरुरी हो जाता है जितना बडे, युवा और बुजुर्गों को है। क्योंकि छोटे बच्चों की सेहत खराब होने पर मां-बाप के सामने चुनौतियां बढ़ सकती है। इस लिहाज से नवजात को बीमार होने से बचाने की भी अधिक जरूरत है, ताकि इस महामारी के दौरा में अस्पताल जाने की नौवत नहीं आए।

​ब्रेस्‍टफीडिंग करवाना बंद न करें

मां का दूध ही नवजात शिशु के लिए एकमात्रा पोषण का आधार होता है। इससे शिशु को इंफेक्‍शन से लड़ने और इम्‍यूनिटी बढ़ानेमें मदद मिलती है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार, अगर स्‍तनपान करवाने वाली मां में कोरोना का कोई लक्षण दिखने लगे, तो भी उसे बच्‍चे को दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए। मास्‍क पहनकर और जरूरी एहतियात बरत कर स्‍तनपान करवा सकती हैं। बोतल में ब्रेस्‍ट मिल्‍क भरकर भी शिशु को पिलाया जा सकता है।

साफ-सफाई में न बरतें लापरवाही

घर में साफ-सफाई का पूरा द्यान रखना चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को साबुन और पानी से लगभग 20 सेकंड तक धोएं। शिशु और उसकी चीजों को हाथ लगाने से पहले सैनिटाइजर का इस्‍तेमाल करें। दो साल से कम उम्र के बच्‍चे को मास्‍क न पहनाएं, क्‍योंकि इससे उसे सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है। बच्चों के लिए भोजन बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें। घर पर कोई दोस्‍त या रिश्‍तेदार आता है, तो उसे बच्‍चे से मिलने न दें। कोई भी व्‍यक्‍ति ऐसा हो सकता है जो संक्रमित हो लेकिन उसमें कोरोना का कोई लक्षण न हो। खुद भी सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें। खांसते या छींकते वक्त मुंह और नाक को जरूर ढकें। आपके घर मेड या कुक आती है, तो घर में घुसने से पहले उनके हाथ और पौरों को सैनिटाइज़ कराएं। पूरे समय मास्क पहनने के लिए कहें।

यदि मां-बाप ​दोनों पॉजिटिव हो जाएं तो

अगर मां के साथ-साथ पिता भी कोरोना पॉजिटिव हो जाए, तो इस समय दोनों पेरेंट्स को ही बच्‍चे से दूर रहना चाहिए। वायरस हर व्‍यक्‍ति को अलग तरह से प्रभावित कर रहा है इसलिए डॉक्‍टर के संपर्क में रहकर इलाज लें। आप पीडियाट्रिशयन से शिशु को दूध पिलाने या खाना खिलाने के सुरक्षित तरीके के बारे में पूछ सकते हैं। यदि हो सकता है तो बच्‍चे को अपने किसी रिश्‍तेदार के यहां रहने भेज दें। जन्‍म के बाद शिशु को कुछ टीके लगवाएं जाते हैं, जो उसे कई बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। अपने बच्‍चे को सभी जरूरी वैक्‍सीन लगवा लें। 

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