Coronavirus: प्रेग्नेंसी के दौरान कोरोना संक्रमण, बढ़ा सकता है प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा

Coronavirus: अगर कोई महिला अपनी प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान कोरोना से संक्रमित हो जाती हैं, तो समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा कुछ हद तक बढ़ जाता है।

Written By :  Anshul Thakur
Published By :  Shreya
Update: 2021-08-13 06:39 GMT

प्रेग्नेंट औरत (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: अगर कोई महिला अपनी प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान कोरोना से संक्रमित हो जाती हैं, तो समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा कुछ हद तक बढ़ जाता है। सैनफ्रांसिस्को की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में 32 हफ्ते पहले ही डिलीवरी हो सकती है। यही नहीं प्रेग्नेंट महिला के कोविड से संक्रमित (Covid In Pregnant Woman) होने का खतरा भी 60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने जुलाई 2020 से जनवरी 2021 के बीच जन्म लेने वाले बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) पर रिसर्च की है। इस अवधि में ने 2,40,157 ने जन्म लिया था। जिनमें से करीब 9 हजार बच्चों की मांएं प्रेगनेंसी के वक्त कोरोना से पीड़ित थीं। शोध में बताया गया कि सामान्य प्रेग्नेंट वूमेन (Pregnant Woman) में 8.7 परसेंट, वहीं कोविड-19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं में 11.8 परसेंट बच्चों की प्रीमेच्योर डिलीवरी (Premature Delivery) हुई है।

रिसर्चर्स ने शोध में यह भी बताया की अगर कोई गर्भवती महिला कोविड-19 से संक्रमित होती है, तो उसको हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), मोटापे (Obesity) और डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। इसी के साथ उनमें प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा 160 परसेंट तक बढ़ जाता है।

नवजात (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

क्या होता है प्रीमेच्योर बेबी (Premature Baby Kya Hota Hai)?

जब कोई बच्चा समय से पहले यानी करीब 34 से 36 सप्ताह में ही जन्म ले लेता है तो उसे प्रीमच और भी भी कहा जाता है। ऐसे शिशु के फेफड़े सांस लेने के लिए तैयार नहीं होते। इसलिए अगर शिशु इससे पहले पैदा होता है, तो उसे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। इसके साथ ही उसके मस्तिष्क का विकास पूरी तरह से नहीं हुआ होता, और बाद में बच्चे को पढ़ने लिखने में थोड़ी समस्या हो सकती है। इसी के साथ प्रीमेच्योर बेबी का वजन 20 सामान्य बच्चों से कम होता है‌। लेकिन बाद में उपचार कर बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ कर दिया जाता है।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैसे रखें गर्भवति महिलाएं अपना ध्यान

महिलाएं विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें।

बहुत ज़रूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें।

सेनिटाइजर और मस्क का प्रयोग करें।

नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अपने खान पान का पूरा ध्यान रखें। 

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