Acute Hepatitis in Children: बच्चों में Acute Hepatitis होने का कारण हो सकता है Covid-19, जानें लक्षण, कारण और बचाव
एक्यूट हेपेटाइटिस इन दिनों बहुत तेज़ी से बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। बता दें कि 10 वर्ष के कम आयु के बच्चों में ही ये केस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
Acute hepatitis and covid 19: एक्यूट हेपेटाइटिस इन दिनों बहुत तेज़ी से बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। बता दें कि 10 वर्ष के कम आयु के बच्चों में ही ये केस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। एक्सपर्ट्स इसे कोविड से जोड़ कर देख रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कोविड पॉजिटिव बच्चों में यह बीमारी सबसे जल्दी से फैलती जा रही है।
शोध के अनुसार कोरोना वायरस से पीड़ित बच्चों में हेपेटाइटिस के केस (cases of hepatitis in children) भी शामिल माने जा जा रहे है। गौरतलब है कि दुनिया भर के सैकड़ों बच्चों में SARS cov 2 हेपेटाइटिस होने का कारण हो सकता है। भारत में भी इसके आंकड़े लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हेपेटाइटिस रोग लिवर में इंफ्लेमेशन का कारण बनने के साथ ही लिवर को बुरी तरह से डैमेज भी कर देता है। इतना ही नहीं हेपेटाइटिस शरीर के कई प्रमुख कार्यों को भी प्रभावित कर सकता है। कई बार शरीर में मौजूद टाक्सिंस और दवाइयों के सेवन से भी बच्चों में हेपेटाइटिस होने की सम्भावना हो सकती है। बच्चों में हेपेटाइटिस कई तरीकों से फैल सकता है। इस रोग के कुछ सामान्य लक्षण है जो आमतौर पर इससे पीड़ित होने वाले लोगों में दिखाई देते हैं। हेपेटाइटिस के लक्षणों में उल्टियां आना, डायरिया, भूख न लगना , कमजोरी और थकान महसूस होना शामिल हैं।
क्या हेपेटाइटिस होने का कारण कोविड 19 हो सकता है?
आमतौर पर मानसून के मौसम में हेपेटाइटिस के केस में काफी वृद्धि होने लगती है। लेकिन बता दें कि हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई से जुड़ें केस ज्यादातर केवल कुछ ही क्षेत्रों या गांवों में मिलते है। जबकि हेपेटाइटिस बी से जुड़े केस पूरे साल मिल सकते हैं। मगर हेपेटाइटिस डी से जुड़े केस पेरेंट्स या ब्लड ट्रांसमिशन के कारण हो सकता है। उल्लेखनीय है कि डेल्टा वायरस के बाद पूरे देश में बच्चों में हेपेटाइटिस के केस देखने को मिले। इसलिए एक्सपर्ट्स ये अनुमान लगा रहे है कि हेपेटाइटिस का कारण कोविड 19 हो सकता है।
क्या हेपेटाइटिस को फैलने से रोक सकती है वैक्सीन?
बता दें कि हेपेटाइटिस के कुछ रूपों जैसे हेपेटाइटिस ए और बी को रूटीन वैक्सीन के द्वारा बचाव किया जा सकता है। गौरतलब है कि हेपेटाइटिस ए की समस्या से बचने के लिए की दो तरह की वैक्सीन होती हैं। जिसमें पहली वैक्सीन के दो शॉट जिन्हें 6 महीने के अंतराल पर दिए जाते हैं। यह दोनों ही dose बचाव के लिए जरूरी होते हैं। जबकि दूसरे प्रकार की वैक्सीन जो एक कॉम्बिनेशन है, और जो आपको दोनों तरह के हेपेटाइटिस ए और बी से जुडी समस्याओं से बचाने में मददगार होती है। विशेषज्ञ हर उम्र के व्यक्तियो को यह वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं।
गौरतलब है कि शिशुओं को हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) लगाई जाती है। लेकिन जो लोग हेपेटाइटिस के हाई रिस्क में रहने के साथ 19 साल से ज्यादा उम्र के हैं वे लोग भी इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं। बच्चों को इस समस्या से बचाने के लिए नियमित रूप से बच्चे के इम्यूनाइजेशन करवाते रहना जरुरी है ,जिसके कारण उन्हें हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी से बचाने में सहायता मिल सकती है। इसलिए सभी पेरेंट्स की यह प्रमुख ज़िम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को हेपेटाइटिस की वैक्सीन जरूर लगवाएं।