Food in Newspaper: अखबार में रखा खाना खाने से हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां, तुरंत बदलें ये आदत, FSSAI ने जारी किए निर्देश

Food in Newspaper: फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाल ही में एक दिशा निर्देश जारी किया है जिसके मुताबिक खाने की चीजों को अखबार में पैक करने, परोसने या फिर स्टोर करने से सेहत को कई प्रकार के गंभीर नुकसान हो सकते हैं ।

Written By :  Nirala Tripathi
Update:2023-10-03 13:52 IST

Food in Newspaper cause many serious diseases  (photo: social media )

Food in Newspaper: अक्सर हम जब स्ट्रीट फूड खाने जाते हैं तो हमको खाने की कुछ चीजें अखबार पर परोस दी जाती हैं। यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों को अखबार में पैक करना भी एक आम सी बात है । ऐसा आपने भी कभी न कभी जरूर किया होगा , लेकिन क्या आप जानते हैं कि अखबार में खाना रखकर खाने से आप कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाल ही में एक दिशा निर्देश जारी किया है जिसके मुताबिक खाने की चीजों को अखबार में पैक करने, परोसने या फिर स्टोर करने से सेहत को कई प्रकार के गंभीर नुकसान हो सकते हैं ।

अगर आप काफ़ी लंबे समय से न्यूज पेपर में रखें या लपेटे खाने का सेवन कर रहे है तो ये कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को बुलावा हो सकता है। FSSAI ने सभी फूड वेंडर्स को ऐसा न करने की सलाह देते हुए खाद्य सुरक्षा और मानक नियम 2018 को अधिसूचित किया है जो भोजन या किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ के स्टोरेज के लिए अख़बार के प्रयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है । तो आइए जानते हैं कि अखबार में परोसा या पैक किया हुआ खाना खाने से सेहत को कैसे नुकसान हो सकता है ।

खबारों में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही जो करते हैं स्वास्थ्य जोखिम पैदा

एफएसएसएआई का कहना है कि गर्म खाद्य पदार्थ जैसे पराठे, समोसे, पकौड़ी और कचौड़ी अख़बार पर परोसने से उसकी स्याही इंसान के शरीर में चली जाती है।अखबारों में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं । रिपोर्ट में आगे बताया गया है की न्यूज पेपर की छपाई में इस्तेमाल होने वाली प्रिंटिंग स्याही (ink)में " विभिन्न प्रकार के जानलेवा बायोएक्टिव केमिकल होते है जिसमे विशेष रूप से सीसा वा भारी धातुओं वाले रसायन प्रमुख है तो वहीं अखबार वितरण के दौरान खतरनाक बैक्टीरिया , वायरस या अन्य रोग जनक व्यक्तियों द्वारा प्रदूषित हो सकते है जो किए गए भोजन में संग्रहित होकर खाद्य जनित बीमारियों का बड़ा कारण बन सकते है।खाद्य नियामक ने खाद्य विक्रेताओं से जिम्मेदार पैकेजिंग प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया । FSSAI ने देश भर के उपभोक्ताओं, खाद्य विक्रेताओं और हितधारकों से खाद्य पैकेजिंग सामग्री के रूप में समाचार पत्र का उपयोग तुरंत बंद करने का आग्रह किया। साथ ही नियामक ने सुरक्षित और अप्रूव्ड खाद्य पैकेजिंग सामग्री के साथ-साथ खाद्य-ग्रेड कंटेनरों को अपनाने की सिफारिश की है।

लेकिन पूरे देश में लाखों स्ट्रीट फूड वेंडर्स इस नियम की धज्जियां उड़ाते दिख जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर दिन अखबारों की 22 करोड़ कॉपियां प्रिंट होती हैं। इनमें से लाखों कॉपियां खाना, चाट, पकौड़े, रोटी और स्नैक्स परोसने या पैक करने में इस्तेमाल होतीलेकिन पूरे देश में लाखों स्ट्रीट फूड वेंडर्स इस नियम की धज्जियां उड़ाते दिख जाएंगे।

एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर दिन अखबारों की 22 करोड़ कॉपियां प्रिंट होती हैं। इनमें से लाखों कॉपियां खाना, चाट, पकौड़े, रोटी और स्नैक्स परोसने या पैक करने में इस्तेमाल होती हैं।

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