Epilepsy Treatment: मिर्गी है मस्तिष्क की बिमारी, रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर से जानिये दौरे आने पर क्या करें और क्या ना करें

Epilepsy Treatment: क्रैनियोफेशियल सर्जन और स्वस्थ झारखण्ड के प्रचारक डॉ अनुज कुमार के अनुसार मिर्गी मस्तिष्क की एक बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं द्वारा असामान्य electrical impulse की वजह से दौरे आ सकते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2023-11-19 03:30 GMT

Epilepsy Treatment (Image: Social Media)

Epilepsy Treatment: मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी विकार है जिसमें बार-बार दौरे पड़ते हैं। दौरा तब पड़ता है जब मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि अचानक बढ़ जाती है, जिससे मस्तिष्क के सामान्य कार्य में अस्थायी व्यवधान उत्पन्न होता है। मिर्गी के दौरे अपनी अभिव्यक्तियों और गंभीरता में व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं।

मिर्गी के कारण

इडियोपैथिक (अज्ञात कारण): कई मामलों में, मिर्गी का कारण अज्ञात है।

रोगसूचक या माध्यमिक मिर्गी: मस्तिष्क की चोट, ट्यूमर, संक्रमण या आनुवंशिक कारकों जैसी अंतर्निहित स्थितियों के कारण।

उकसावे वाले दौरे: नशीली दवाओं की वापसी, शराब की वापसी, या नींद की कमी जैसे विशिष्ट ट्रिगर्स के परिणामस्वरूप।


कैसे चल सकता है पता

चिकित्सा इतिहास: दौरे और अन्य लक्षणों का विस्तृत इतिहास।

इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी): मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।

इमेजिंग अध्ययन: संरचनात्मक असामान्यताओं की पहचान करने के लिए एमआरआई या सीटी स्कैन।

रक्त परीक्षण: चयापचय या आनुवंशिक कारणों का पता लगाने के लिए।

डॉक्टर से जानें दौरा पड़ने पर क्या करें

क्रैनियोफेशियल सर्जन और स्वस्थ झारखण्ड के प्रचारक डॉ अनुज कुमार के अनुसार मिर्गी मस्तिष्क की एक बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं द्वारा असामान्य electrical impulse की वजह से दौरे आ सकते हैं। X पर एक पोस्ट संझाकरते हुए डॉ कुमार ने लिखा है कि ये एक काफ़ी सामान्य बीमारी है और ज़्यादातर मामलों में दवाई से कंट्रोल रहता है। दौरे में आपकी जागरूकता, मांसपेशियों पर नियंत्रण में बदलाव, संवेदनाएं, भावनाएं और व्यवहार में बदलाव शामिल हो सकते हैं।

दौरा पड़ने पर क्या करें

-शांत रहो

-मरीज़ के आसपास कोई ऐसी चीज़ अगर है जिससे उन्हें चोट पहुँच सकती है तो वो हटा दें

-मरीज़ को जमीन पर लिटा दें और एक तरफ करवट दें। हो सके तो कपड़े थोड़े ढीले कर दें।

-ठीक होने तक मरीज़ के साथ रहें


दौरा पड़ने पर क्या ना करें

-घबराएँ नहीं और मरीज़ से दूर ना जाएँ

-मरीज़ की हरकतों को रोकें नहीं।

-मरीज़ के मुँह में कुछ भी न डालें। प्याज, चम्मच, जूता सुंघाने से मरीज़ को नुक़सान ही होगा।

-पूरी तरह ठीक होने तक मरीज़ को कुछ भी खाने या पीने को न दें।

-दौरे पड़ने के समय और duration को डायरी में नोट करते रहें और डॉ से साझा करें।

डॉ अनुज कुमार के अनुसार अगर आप मिर्गी के लिये दवाई ले रहे हैं तो बिलकुल नियमित तरीक़े से लें और कभी भी बिना डॉक्टर के सलाह के उसे ख़ुद से बंद अथवा dose या timing में बदलाव ना करें।

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