fatty liver: फैटी लीवर के लिए इन दो चीज़ों का संगम है खतरनाक, आपके किचन में ही मौजूद है इसका इलाज
fatty liver: फैटी लीवर रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके लीवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। इसका उपचार घरेलू भी है।
fatty liver: आजकल की अनियमित जीवन शैली का सबसे बड़ा असर हमारे खान-पान की आदतों पर पड़ा है। जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। हमे पता भी नहीं चलता और हम अपनी गलत आदतों की वजह से ढेर सारी बीमारयों को आमंत्रण दे देते हैं। बाजार में उपलब्ध डब्बा बंद खाने, रेडी टू मेक फ़ूड आइटम्स और ऐसे ही न जाने अनगिनत हाई फैट डाइट इसके लिए सबसे बड़े ज़िम्मेदार हैं।
फैटी लीवर रोग (steatosis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके लीवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। जो आपके अंगों के लिए बेहद नुकसानदायक होने के साथ-साथ आपके शरीर में गंभीर समस्यायें भी पैदा कर सकती है। हालांकि, इस स्थिति के लिए केवल हाई फैट डाइट (High-Fat Diet) ही जिम्मेदार नहीं है। एक नए अध्ययन में तरल फ्रुक्टोज (liquid fructose) के सेवन को भी फैटी लीवर के रोगों से जोड़ा है।
मेटाबोलिज्म रोगों के होने का खतरा: शोध
मॉलिक्यूलर न्यूट्रिशन एंड फूड रिसर्च जर्नल( journal Molecular Nutrition and Food Research) में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि तरल फ्रुक्टोज( liquid fructose ) के साथ मीठे पेय पदार्थों के सेवन और हाई फैट डाइट (High-Fat Diet) वाले खानों से लीवर में फैट तेज़ी से जमा हो सकता है। इतना ही नहीं इसके कारण आपके शरीर में हृदय जोखिम कारक (a cardiovascular risk factor) हाइपरट्रिग्लिसराइडिमिया (hypertriglyceridemia) भी बढ़ सकता है। यानि स्ट्रोक और हार्ट अटैक होने की सम्भावना बहुत तेज़ी से बढ़ जाती है। इसके अलावा, शोध में वैज्ञानिको ने इससे मेटाबोलिज्म रोगों (metabolic diseases.) के होने का खतरा भी बताया हैं।
बता दें कि फ्रुक्टोज (fructose) एक प्रकार की चीनी है जिसे मोनोसैकराइड (monosaccharide) के रूप में जाना जाता है। औद्योगिक रूप में इससे कॉर्न सिरप से प्राप्त किया जाता है। कम उत्पादन लागत के कारण होने के कारण खाद्य उद्योग में पेय पदार्थों, सॉस और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को मीठा करने के लिए फ्रुक्टोज(fructose) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
आज के लाइफ स्टाइल (life style) में फैटी लिवर एक आम समस्या बन गयी है। हर 5 में से 3 आदमी इस समस्या का शिकार है। खास बात यह है कि फैटी लिवर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। कभी-कभी कुछ लोगों को पेट के राइट साइड के ऊपरी भाग में जहां लिवर होता है, वहां कुछ खिचाव सा जरूर महसूस होता है। इसके अलावा इसके कोई खास लक्षण नहीं होते हैं। कोई खास लक्षण नहीं होने के कारण शरीर में पनप रही इस परेशानी को पहचानना बड़ा मुश्किल हो जाता है। कई बार फुल बॉडी हेल्थ चेक या किसी अन्य कारण से कराये गए सोनोग्राफी के जरिये ही फैटी लिवर का पता चल पाता है ।
वैसे अगर वक़्त रहते इसे कण्ट्रोल कर लिया जाये तो इससे होने वाली गंभीर समस्याओं से राहत मिल सकती है। आपको जान कर यह आश्चर्य होगा कि हमारे किचन में ही ऐसे कुछ सुपर फ़ूड मौजूद हैं जिसके सेवन से हम शुरूआती दौर में ही फैटी लिवर (fatty liver) की समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं।
तो आइये जानते है कुछ ऐसे ही सुपर फूड को
हमारा किचन सुपर फ़ूड से भरा हुआ है। बस हमें इसकी सही जानकारी रखनी चाहिए। हमारे रोज़ के खानपान में इस्तेमाल होने वाला नींबू एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है। इसके रोज़ाना इस्तेमाल से फैटी लिवर में बहुत राहत मिलती है। भारतीय खानों में रोज़ इस्तेमाल होने वाली हल्दी भी हमारे लिवर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाती है। रोज़ाना एक चुटकी हल्दी गरम पानी के साथ पीना बेहद फायदेमंद रहता है। आवंले में भरपूर मात्रा में फाइटोकेमिकल होने के वजह से ये भी फैटी लिवर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
एप्पल साइडर विनेगर का भी उपयोग बहुत फायदेमंद साबित होता है। दालचीनी का प्रयोग भी फैटी लिवर में काफी असरदार होता है। वैसे रोज़ाना दालचीनी का प्रयोग शुगर को भी कम करता है। अलसी में ढेरो पोषक तत्त्व होने के साथ-साथ ये फैटी लिवर को कम करने में बेहद कारगर है। इसके अलावा डैंडलियोन टी भी लिवर में जमे फैट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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