Fenugreek: खाने की खुशबू में जान फूंकने के साथ शुगर, हृदय रोगों जैसे कई विकारों में संजीवनी साबित होती है मेथी
Fenugreek: खाने के अलावा मेथी का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा में प्रमुखता से किया जाता है। वहीं कई तरह सौंदर्य वृद्धि के लिए भी इसको उपयोग में लाया जाता है।
Fenugreek: सर्दी का मौसम शुरू होते कई मेल की रंग बिरंगी सब्ज़ियां रसोईयों की जान बन जाती हैं। इस मौसम में एक ओर हमारी जबान जहां लजीज चटपटे खाने की तलाश में चटकारे मारने लगती है । वहीं सब्जियों के तौर पर कई बेहतरीन विकल्प भी इसी मौसम में कहीं अधिक देखने को मिलते हैं। जिसमें एक सबसे ज्यादा इस मौसम में खाई जाने वाली सब्जी है, मेथी की सब्जी। जिसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग साग के तौर पर आलू और सोया के साथ मिक्स करके करते हैं या फिर इसके पराठे भी लोगों को इस मौसम में बेहद पसंद आते हैं। अपनी जानदार खुशबू से लोगों की भूख जगाने का हुनर रखने वाली मेथी के हरे हरे पत्तों के साथ इसके दानों का इस्तेमाल भी मसाले के तौर पर बारह महीने किया जाता है। खाने के अलावा मेथी का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा में प्रमुखता से किया जाता है। वहीं कई तरह सौंदर्य वृद्धि के लिए भी इसको उपयोग में लाया जाता है। मेथी के बीज से साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों की वस्तुएं बनाई जाती हैं। आइए जानते हैं मेथी के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में....
मेथी सबसे ज्यादा कहाँ पाई जाती है? (Where is fenugreek found?)
सामान्य तौर पर भारत के सभी राज्यों में मेथी की खेती की जाती है। खासतौर से गंगा के ऊपरी मैदानी मंजिल और कश्मीर एवं पंजाब में मेथी की खेती सबसे ज्यादा की जाती है। इसकी खेती विशेष रूप से सागरीय एशिया, दक्षिणी यूरोप और पश्चिमी एशिया और चीन में होती है। जबकि अफ्रीका में चारे के तौर पर इसकी खेती की जाती है।
मेथी का पौधा वर्ष में एक बार होता है। ऊंचाई लगभग 2-3 फीट ऊंची है।छोटे-छोटे फूल आते हैं। इसकी फली होती है। जिसमें बिल्कुल छोटे-छोटे बीज होते हैं। मेथी के फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी फली में 10 से लेकर 20 छोटे, पीले-भूरे रंग के तेज गंध वाले बीज होते हैं। इन बीजों का प्रयोग कई तरह के मसालों में किया जाता है।
मेथी के औषधीय लाभ (Medicinal benefits of fenugreek)
आयुर्वेद में मेथी के कई औषधीय गुण होते हैं। इसका प्रयोग रसोई से लेकर दवा के रूप में किया जाता है।
कांस्टिपेशन की समस्या में
मेथी कांस्टिपेशन में बहुत लाभकारी होती है। इसके हरे पत्तों से लेकर मेथी के बीज का सेवन मल को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में सक्षम होता है।
उल्टी रोकने में
उल्टी की परेशानी में मेथी के सेवन से औषधीय लाभ मिलता है। बार-बार उल्टी से परेशान रहते हैं तो मेथी के बीजों को भिगोकर उसका का सेवन करें। इससे उल्टी बंद होती है।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में
मेथी के दानों को भिगोकर इसके पानी के नियमित सेवन से खून में चीनी की मात्रा नियंत्रित रहती है। मेथी के दानों को रोज़ पानी में भिगोकर सुबह-सुबह चबा-चबा कर खाने से भी लाभ मिलता है।
कान बहने की समस्या में
मेथी के सेवन से लोगों को कान बहने की समस्या से निजात मिलती है। इसके उपयोग के लिए मेथी के बीज को दूध में पीस लें। इस रस को गुनगुना या हल्का गर्म करके 1-2 बूंदें कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है।
हृदय रोग में
मेथी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण हृदय संबंधी रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है। यह रक्त-संचार को सही रखता है। जो हृदय रोग के खतरे को कम करता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मेथी के 10-15 मिली का सेवन करें।
मेथी के नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल में भी लाभ होता है।
पेट के रोग में
पेट संबंधी समस्या में भी मेथी काफी ज्यादा प्रचलित औषधि मानी जाती है। इसके बीज को चंद्रसूर, मंगरैला और अजवाइन के साथ प्रतिदिन सेवन करने से गैस संबंधित रोग, अपच, भूख की कमी, पेट का फूलना, पेट में दर्द और कमर दर्द आदि समस्या में लाभ होता है।
पेचिस रोकने के लिए
मेथी से पेचिस का इलाज संभव है। इसके लिए 5 ग्राम मेथी के बीज को घी में भून लें। इसे खाने से फायदा होता है।
प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को लाभ
प्रसूता महिलाओं को मेथी के औषधीय गुण से बहुत लाभ होता है। मेथी दाना के इस्तेमाल से प्रसूताओं का वजन नियंत्रित रहने के साथ माता के दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है जिससे नवजात बच्चे का स्वास्थ्य भी अच्छा होता है।
मासिक धर्म विकार में
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द जैसी कई अन्यभी परेशानी में मेथी का सेवन फायदेमंद होता है। मेथी के सेवन से खून भी बनता है, और दर्द भी कम होता है।
त्वचा रोग में
त्वचा संबंधी कई रोगों के इलाज में भी मेथी का इस्तेमाल लेप के रूप में किया जाता है। यह लेप त्वचा रोग जैसे दाद-खाज-खुजली में फायदेमंद होता है।
रक्तचाप की समस्या में
रक्तचाप की समस्या में मेथी के सेवन से लाभ मिलता है। मेथी में एंटी-हाइपरटेन्सिव गुण होता है जिससे यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
गठिया के इलाज में
गठिया की बीमारी में मेथी के सेवन से लाभ मिलता है। गठिया वात दोष के कारण होता है। मेथी में वात को कम करने के गुण पाए जाते हैं। यह गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है।
बालों का झड़ना रोकने में
मेथी के औषधीय गुण के चलते यह बालों के झड़ने में भी मदद करता है। मेथी के पेस्ट को बालों में लगाने से इनका झड़ना कम हो जाता है।
मेथी खाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं (There may be some disadvantages of eating fenugreek)
मेथी की तासीर गर्म होती है और इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ़्लेमेटरी गुण फ़ेफ़ड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मेथी के ज़्यादा इस्तेमाल से शरीर में सोडियम के लेवल कम हो सकते हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
मेथी के बीज का ज़्यादा सेवन करने से एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ लोगों में मेथी पानी की वजह से सांस लेने के दौरान गले से घरघराहट की आवाज़ सुनाई देने लगती है।
लगातार मेथी का पाउडर लेने या पानी पीने से कुछ लोगों के आंत में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
जिन लोगों को खूनी बवासीर की समस्या हैं उन्हें रोजाना मेथी को डाइट में लेने से बचना चाहिए।
ज़्यादा मेथी खाने से पेट खराब हो सकता है।
मेथी में मौजूद पोषक तत्व शुगर लेवल को कम कर सकते हैं, जिससे शरीर में शुगर लेवल ज़रूरत से ज़्यादा नीचे जा सकता है। मेथी के इस्तेमाल से पहले एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
मेथी के बीजों से त्वचा और बालों को कई फ़ायदे होते हैं (Fenugreek seeds have many benefits for skin and hair)
मेथी के बीजों में मौजूद प्रोटीन, निकोटिनिक एसिड और फ़ाइबर, त्वचा में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।
मेथी के बीजों को बालों में लगाने से रूसी और हेयर फ़ॉल की समस्या कम होती है।
मेथी के बीजों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जिससे मुंहासों से छुटकारा मिलता है।
मेथी में मौजूद विटामिन-सी त्वचा को सुंदर चमक देता है और त्वचा के रंग को हल्का करता है।
मेथी के बीजों में मौजूद विटामिन-सी और विटामिन-के, त्वचा के दाग-धब्बे और डार्क सर्कल कम करने में मदद करते हैं।
मेथी में मौजूद यौगिक त्वचा को जवां रखते हैं और झुर्रियों से बचाते हैं।
मेथी के बीजों में मौजूद पोषक तत्व त्वचा की रंगत सुधारने और त्वचा में निखार लाने में मदद करते हैं।
सर्दी में तैयार करें मेथी की हरी पत्तियों से कसूरी मेथी, ये है तरीका (Prepare Kasuri Methi from green fenugreek leaves in winter)
मेथी का इस्तेमाल उसे सुखाकर सूखी मेथी बनाकर भी किया जाता है। सूखी मेथी जिसे कसूरी मेथी भी कहते हैं, इसका इस्तेमाल सब्जी में करने से खाने का स्वाद दो गुना होने के साथ इसको स्टोर करके पूरे साल इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कसूरी मेथी बाज़ार में भी मिलती है । लेकिन इसे घर में बड़े ही आसान तरीके से तैयार कर सकते हैं। आइए जानते है कि घर में कसूरी मेथी कैसे तैयार करें।
इस तरह घर पर बनाएं कसूरी मेथी
मेथी की पत्तियों से कसूरी मेथी बनाने के लिए आप सबसे पहले हरी मेथी की पत्तियों को डंठल से अलग कर किसी बास्केट में इकट्ठा कर लें। फिर मेथी की
पत्तियों को अच्छे से 2-3 बार साफ पानी से धुल कर सूखने रख दें। पानी सूखने के बाद इसे माइक्रोवेव की ट्रे पर हाई हीट पर करीब 3 मिनट के लिए रख दें। अगर आपके पास माइक्रोवेव नहीं है तो आप मेथी को धूप में भी सुखा सकते हैं।ये प्रक्रिया कम से कम तीन बार दोहराएं। ध्यान रखें कि हर बार पत्तियों को अलट पलट कर रखना है। अब मेथी को निकालकर ठंडा होने दें। हाथ पर मेथी की पत्तियों को रगड़ कर चेक करें की नम तो नहीं हैं। अगर पत्तियां पूरी तरह से ड्राई हो चुकी हैं तो उन्हें ठंडा होने पर हाथ से क्रश करके किसी एयर टाइट डब्बे में रख लें।
इस कसूरी मेथी को पूरे साल खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)