डॉ. सुनील वर्मा, फिजिशियन, लखनऊ
नई दिल्ली : तेज धूप और गर्मी के बाद बरसात के आने से राहत मिलती है। साथ ही मौसम में इस बदलाव के कारण कई बीमारियां भी पनपने लगती हैं जो सीधे आपकी सेहत को प्रभावित करती है। आयुर्वेद के अनुसार बरसात के मौसम में वात, पित्त और कफ जैसे भयंकर रोग शरीर के संतुलन को बिगाड़ देते हैं। इन बीमारियों के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए ताकि इन रोगों से पहले से ही बचा जा सके। यदि आप बारिश के मौसम में होने वाली इन बीमारियों के बारे में पहले से जानकारी रखेंगे तो शायद आप 80 प्रतिशत तक इन रोगों से बच सकते हो। आइए जानते हैं समस्याओं के बारे में।
बरसात में होने वाली परेशानी
बरसात के समय में मच्छर पनपने लगते हैं जिस वजह से डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसे गंभीर रोग होते हैं। साथ ही गंदे पानी और खाद्य पदार्थों से भी कई रोग होते हैं जैसे दस्त, हैजा, टाइफाइड और फूड पाइजनिंग आदि। इस मौसम में पानी के साथ साथ हवा भी प्रदूषित हो जाती है जो सीधे जीवाणु के रूप में आपके अंदर जाकर फ्लू, जुकाम और ब्रोंकाइटिज जैसे रोग पैदा करती है। मौसम में बदलाव के कारण त्वचा में चिपचिपाहट होने के साथ एलर्जी का होने लगती है और स्किन से सम्बन्धी रोग होते हैं।
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इस तरह करें समस्याओं से बचाव-
साफ पानी पिएं
प्रदूषित व संक्रमित पानी पीने से दस्त जैसी बीमारी लगने लगती है। दस्त में पेट दर्द, और बुखार के साथ आंतों में सूजन जैसे लक्षण होते हैं। दस्त लगने पर छांछ में भुना हुआ जीरा डालकर सेवन करना चाहिए। अनार का जूस पीने से भी दस्त ठीक होती है।
साफ सफाई पर ध्यान दें
बदलते मौसम में मच्छरों की वजह से लोगों को अक्सर डेंगू की बीमारी होने लगती है। यह एक तरह का बुखार होता है जो डेंगू के मच्छर के काटने से होता है। इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, बदन में दर्द और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण होते हैं। इस रोग को हड्डी तोड़ कहते हैं। इस रोग से बचने के लिए अपने घर के आसपास गंदा पानी को जमा न होने दें। रात के समय सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं।
टाइफायड बुखार
बारिश में अक्सर लोग गंदे हाथों से खाने की चीजें खा लेते हैं जिस वजह से वे टाइफायड जैसे गंभीर बुखार के शिकार हो जाते हैं। इस रोग के मुख्य लक्षण हैं सूखी खांसी, पेट चलना, सिर दर्द, भूख की कमी आदि। इस रोग में रोगी को पूरा आराम करना चाहिए और मुनक्कों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। रोगी को पीने का पानी उबाल कर ही देना चाहिए।
आंखों के रोग
इस मौसम में आंखों में कई प्रकार के रोग होते हैं जैसे आई फ्लू यानी आंख आना आदि। जिस वजह से आंख लाल हो जाती है और सूजन की वजह से आंखों में दर्द भी होने लगता है। फ्लू से बचने के लिए साफ हाथों से ही आंखों को साफ करना चाहिए। अपने खुद के तौलिये से ही शरीर को पोछें। आंखों को दिन में 3 से 4 बार पानी से धोना चाहिए। यदि तब भी आंखों की ये बीमारी दूर न हो रही हो तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं।
बासी खाना न खाएं
इस मौसम में फूड प्वाइजनिंग की समस्या बहुत होती है। यह संक्रमित भोजन करने से होता है। इस रोग में ठंड लगना, पेट में दर्द, उल्टी और बुखार आने के आदि मुख्य लक्षण होते हैं। ऐसे में ग्लूकोज का पानी, शिकंजी, सूप और पानी आदि का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए साफ सुथरा खाना ही खाएं। साफ बर्तन में ही भोजन रखकर ही सेवन करें।
हैजा में पानी की कमी न होने दें
ये एक खतरनाक बीमारी है जो दूषित खाना खाने से होती है। हैजा में उल्टी के साथ-साथ दस्त भी होने लगती है जिससे रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में रोगी की जान भी जा सकती है। इसलिए तुरंत रोगी को डाक्टर के पास ले जाएं।