Health Tips: थाई मसल्स पर ध्यान देना ज़रूरी, फिट बने रहने का ये नुस्खा है काफी आसान
Health Tips: आजकल का खान पान भी कुछ ऐसा हो गया है जिसके चलते बॉडी को फिट रखना ज़रूरी है। युवा आर्म्स की एक्ससरसाइज पर तो ध्यान देते हैं लेकिन लेग्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
Thigh Exercise: आजकल का युवा फिटनेस पर काफी ज़्यादा ध्यान देने लगा है,उसे पता है कि अपनी बॉडी को फिट रखना कितना ज़रूरी है वहीँ आजकल का खान पान भी कुछ ऐसा हो गया है जिसके चलते बॉडी को फिट रखना ज़रूरी है।
आज जिम का चलन बढ़ गया है लोग अपनी फिटनेस के लिए जिम में घंटों तक कसरत करना पसंद करते हैं। जहाँ युवा आर्म्स की एक्ससरसाइज पर तो ध्यान देते हैं लेकिन लेग्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। दरअसल हमारा फोकस थाई के मसल्स पर नहीं होता है । यही वजह होती है कि जींस हमारे पैरों पर झूलती रहती है।
इतना ही नहीं थाई के लिए अन्य वर्कआउट के मुकाबले ज्यादा मेहनत भी लगती है। थाई का साइज बढ़ाने के लिए प्रोफेशनल तरीका अपनाना चाहिए ।थाई की मसल्स को इम्प्रूव करने के लिए काफी मेहनत और अनुशासन की ज़रूरत होती है।
दरअसल जिम जाने वाले ज़्यादातर भारतीय युवा लेग्स से ज्यादा मेहनत आर्म्स पर करते हैं। और सच तो ये है कि दोनों के मसल्स साइज में जमीन-आसमान का फर्क होता है। लेग्स को आप तीन बड़े और दो छोटे ग्रुप में बांट सकते हैं। ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग, क्वाड्स, काफ, शिन मसल्स (Glutes, Hamstrings, Quads, Calf, Shin Muscles)। पहले वाले तीनों पार्ट घुटने से ऊपर के हैं। ग्लूट्स , हैमस्ट्रिंग इनर थाई को कहते हैं और क्वाड्स आउटर या फ्रंट थाई। ये हो गए तीन बड़े ग्रुप और फिर काफ और शिन मसल्स छोटे ग्रुप का हिस्सा हैं।
कोई भी एक्ससरसाइज तरीके और बैलंस के साथ की जाये तो उसके परिणाम भी अच्छे आते हैं। थाई की मसल्स को सुदृण बनाने के लिए ज़रूरी है कि इसकी वर्जिश सप्ताह में सिर्फ दो बार ही की जाये।अगर आपको बड़ी थाई चाहिए तो सप्ताह में दो बार ट्रेनिंग करनी होगी। एक बार इनर थाई और दूसरी बार आउटर थाई। साथ ही ध्यान रहे काफ और शिन मसल्स हर बार ट्रेन करें या चाहें तो एक बार स्किप भी कर सकते हैं।
साथ ही बता दें क़ी थाई के दो बड़े पार्ट को अलग-अलग ट्रेन करने से आपकी थाई में तिरछी शेप आएगी, क्योंकि इनर थाई और आउटर थाई एक-दूसरे के अपोजिट तो होते हैं मगर थोड़ी तिरछी फॉर्म में।