Heart Attack Causes: क्या अकेलापन भी बन रहा है हार्ट अटैक का कारण
Heart Attack Reason: दुनिया भर में इन दो सालों में जिस तरह से हार्ट अटैक से होने वाली मौत का ग्राफ बढ़ा हैं, ये सोचने लायक है। कई बड़ी हस्तियां हार्ट अटैक का शिकार हो चुकी है।
Heart Attack Reason: दुनिया भर में इन दो सालों में जिस तरह से हार्ट अटैक से होने वाली मौत का ग्राफ बढ़ा हैं, ये सोचने लायक है। कई बड़ी हस्तियां हार्ट अटैक का शिकार हो चुकी है। कई बार तो कुछ लोगों के फिट होने के बाद भी हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा है। हार्ट अटैक होने का कई कारण है। खराब खानपान और लाइफस्टाइल, ध्रुमपान, शराब और एक्सरसाइज नहीं करने के कारण भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है। लेकिन हाल में हुए एक शोध में एक नया और चौका देने वाला खुलासा किया गया है।
दरअसल विशेषज्ञों की मानें तो हार्ट अटैक का एक कारण अब अकेलापन भी बन गया है। अगर आप उन लोगों में से हैं जिनके पास ज्यादा दोस्त नहीं हैं या फिर दूसरों से मेलजोल बढ़ाने में आपको कोई दिलचस्पी नहीं है, तो आपके लिए यह अच्छी खबर नहीं है। हाल में हुए एक रिसर्च की मानें तो अकेलेपन से हार्ट अटैक का खतरा 40 फीसदी तक बढ़ जाता है। साथ ही इसके अलावा समय से पहले मरने की संभावना भी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। शोध के अनुसार जो लोग पहले से दिल के मरीज रहे हैं, उनमें में से ज्यादातर लोगों की मौत अकेलेपन के कारण हुई है।
दरअसल अकेलापन वह है जो एक आदमी की एक साथ रहने, किसी से खुलकर बात करने, सामाजिक मिलन में आने और ठीक से संवाद करने की क्षमता को कमजोर कर देता है। इसके अलावा अकेलापन, जो सेहत पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। दरअसल कई बार ऐसा होता है कि कोई अकेला रह सकता है लेकिन अकेला महसूस नहीं कर सकता, और कुछ लोग कई लोगों के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस कर सकते हैं।
दरअसल विशेषज्ञों की मानें तो सामाजिक अलगाव और अकेलापन दुनिया भर में सोशल मीडिया गतिविधियों के डिजिटलीकरण और बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण होने वाली महत्वपूर्ण घटनाएं हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याओं के रूप में दुनिया भर में अवसाद और हृदय संबंधी घटनाओं को बढ़ाती हैं। दरअसल कई अध्ययनों में पाया गया है कि सामाजिक अलगाव और अकेलापन कार्डियोवैस्कुलर में 20-30% की बढ़ोतरी कर देता है। बता दे कि अकेलेपन के कारण मृत्यु दर बढ़ने के साथ-साथ जीवित रहने की उम्र भी कम हो जाती है। दरअसल हम में से कई लोग कई बार अकेलापन महसूस करते हैं लेकिन लंबे समय तक अकेलापन और सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ना तय है। बता दे कि अकेलापन और सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने से दिल की बीमारी का खतरा 29 फीसदी और स्ट्रोक का खतरा 32 फीसदी बढ़ जाता है। दरअसल अकेलेपन से तनाव, चिंता, धूम्रपान बढ़ सकती है जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है। खराब जीवन शैली, कम शारीरिक गतिविधि, अधिक स्क्रीन समय आदि से सेहत को बहुत नुकसान हो रहा है। बता दे कि जीवनशैली की ये आदतें धीरे-धीरे जोखिम को बढ़ाती हैं और एक समय के बाद सेहत में काफी बदलाव नजर आने लगता है, जो नुकसानदायक होता है।