HMPV का प्रकोप: नए केस मिल रहे, म्यूटेंट भी हो रहा वायरस
HMPV Virus: हाल ही में किए गए रिसर्च ने एचएमपीवी और किडनी की हेल्थ के बीच संबंधों को उजागर किया है। अस्पताल में भर्ती बच्चों पर किये गए एक अध्ययन ने इस संभावित संबंध को उजागर किया है।;
HMPV Virus: भारत में मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण के कई मामले गुजरात, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक से आए हैं। केंद्र सरकार हालात पर बारीकी से नज़र रखे हुए है और इस बात पर ज़ोर दिया है कि चिंता का कोई कारण नहीं है।
दरअसल, एचएमपीवी सांस तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है। वैसे तो ज्यादातर मामले हल्के से मध्यम होते हैं लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। एक गम्भीर बात ये है कि एचएमपीवी का असर किडनी पर पड़ सकता है। ये भी पता चला है कि ये वायरस म्यूटेंट भी हो रहा है यानी इसका स्वरूप बदल रहा है।
हाल ही में किए गए रिसर्च ने एचएमपीवी और किडनी की हेल्थ के बीच संबंधों को उजागर किया है। अस्पताल में भर्ती बच्चों पर किये गए एक अध्ययन ने इस संभावित संबंध को उजागर किया है। नेफ्रोलॉजिस्ट के मुताबिक एचएमपीवी वायरस से एकेआई यानी एक्यूट किडनी इंजरी हो सकती है। एकेआई की समस्या आमतौर पर बढ़ती उम्र के लोगों में होने वाली समस्या है। लेकिन इस अध्ययन में पाया गया कि इस वायरस की चपेट में किडनी प्रभावित हो सकती है।
रेस्पिटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई) दुनिया भर में बीमारी और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए, आरटीआई को मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण माना जाता है। बच्चों में, रेस्पिटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), पैराइन्फ्लुएंजा वायरस (पीआईवी) और इन्फ्लूएंजा वायरस ब्रोंकियोलाइटिस सांस की बीमारियों के प्रमुख कारण माने जाते हैं। 2001 में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को इस सूची में जोड़ा गया था।
एचएमपीवी के लक्षण
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण कोरोना और सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं। इसमें बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। इससे बचाव के लिए ठीक वही एहतियात बरतने चाहिए जो कोरोना से बचाव के लिए बताए गए थे यानी कि मास्क लगाना, हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना, भीड़ से बचना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बना कर रखना।