Women Intermittent Fasting: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से महिलाओं को चाहिए बचना, फायदे की जगह हो सकता है गंभीर नुकसान

Women Intermittent Fasting: इंटरमिटेंट फास्टिंग तेज़ी से वजन कम करने की पद्धति है यानि इंटरमिटेंट फास्टिंग एक फूड प्लानिंग है जो रेगुलर टाइम पर फास्ट और खाने के बीच स्विच करती है।

Report :  Preeti Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-04-23 18:54 IST

इंटरमिटेंट फास्टिंग: Photo - Social Media

Intermittent Fasting for women: इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) का चलन इन दिनों काफी चल रहा है। महिला और पुरुष दोनों ही लोग अपनी अच्छी सेहत के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प चुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि कई बार अच्छी सेहत के लिए चुना गया इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके शरीर में बुरा प्रभाव भी डालते हैं। बता दें की महिलाओं और पुरुषों के अंदर मौजूद अलग-अलग तरह के हार्मोन इंटरमिटेंट फास्टिंग पर अलग-अलग प्रभाव डालती हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इंटरमिटेंट फास्टिंग के बुरे नतीज़े आते हैं।

बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग तेज़ी से वजन कम करने की पद्धति (weight loss method) है यानि इंटरमिटेंट फास्टिंग एक फूड प्लानिंग है जो रेगुलर टाइम पर फास्ट और खाने के बीच स्विच करती है। Intermittent Fasting में डाइट इस बात पर फोकस करती हैं कि एक व्यक्ति को क्या और कितना खाना चाहिए जिससे उसका वजन कण्ट्रोल में रहे और कम भी हो जाए। लेकिन महिला और पुरुष में इस इंटरमिटेंट फास्टिंग का अलग -अलग असर पड़ता है।

शरीर पर बुरा असर भी डालती है इंटरमिटेंट फास्टिंग

एक तरफ जहां पुरुषों में इंटरमिटेंट फास्टिंग का पालन करने से उनकी बॉडी अलग तरह से रिएक्ट कर उनके वजन घटाने के लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाता है। वहीं महिलाओं में इस डाइट के परिणाम न केवल हताशा भरे हैं बल्कि यह महिलाओं के शरीर पर बुरा असर भी डालती है।

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एक अध्ययन के मुताबिक तीन सप्ताह तक इंटरमिटेंट फास्टिंग डाइट का पालन करने पर महिलाओं के शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बिगड़ने लगता है। जबकि वहीँ पुरुषों में इस तरह के परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं । इतना ही नहीं अगर महिलाएं लंबे समय तक इस तरह के डाइट पैटर्न को फॉलो करते हैं तो इससे उनके मासिक धर्म का चक्र भी गड़बड़ हो सकता है।

बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण महिलाओं का शरीर कैलोरीज के प्रतिबंध अधिक संवेदनशील होता है। ऐसे में अगर महिलाएं लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कम कैलोरीज लेने से मस्तिष्क के एक छोटे से हिस्से पर भी बुरा असर डालता है। जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है। जो शरीर में गोनेडोटरोपिन- रिलीजिंग के बहाव में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

मासिक धर्म में गड़बड़ी

गौरतलब है कि यह शरीर में दो अन्य हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। इसी वजह से मासिक धर्म (Menstrual) में गड़बड़ी, बांझपन और हड्डियों कमजोर हो जाती है। जिन कारणों की वजह से महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कम गैप में कुछ खाने की सलाह दी जाती है।

बता दें कि आज के समय में वजन घटाने और खुद को फिट रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग जबरदस्त विकल्प है। वैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग के सेहत पर भी कई तरह के फायदे देखे जा सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग में कुछ फेर बदल करके महिलायें भी इससे अपने सेहत का फ़ायदा उठा सकती हैं। जिसके लिए उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग का समय कम रखना चाहिए । इसके अलावा अगर फास्टिंग के लिए 16/8 और सप्ताह में 5 दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प का ही चनाव करना बेहतर होता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग डाइट प्लान

महिलाओं को अपने लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग में इस तरह के डाइट प्लान फॉलो करना चाहिए। जिससे उनकी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव ना पड़े। इसमें एक बार में 24 घंटे से ज्यादा तक फास्ट ना रखें, 12 से 16 घंटे तक ही फास्ट रखना एक सही विकल्प साबित हो सकता है, आराम से फास्ट करें और लगातार दिनों तक फास्ट ना रखें, फास्ट के दौरान तरल पदार्थों और हेल्दी डाइट का अधिक सेवन करें, अपनी कैलोरी इनटेक को अधिक कम ना करें, योग और दौड़ने जैसे हल्के व्यायाम करें आदि शामिल हैं।

कुछ लोगों को नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग की ये खासियत है कि आपको इसके लिए किसी तरह के स्ट्रिक्ट डाइट को फॉलो नहीं करना होता है । इस डाइट में आपको अपनी कैलोरीज और खाने के बीच के अंतराल का ध्यान रखना जरुरी होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग भले ही असरदार होती है मगर कुछ लोगों को इस फास्टिंग की प्रक्रिया से पूरी तरह बचना कर रहना चाहिए। जिनमें गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली मां, क्रोनिक स्ट्रेस के मरीज, भोजन विकार से पीड़ित लोग और नींद की परेशानी से जूझने वाले लोग शामिल हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग को ​लंबे समय तक नहीं चलाना चाहिए। डायबिटीज के मरीज़ों को इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। अन्यथा उनकी तबियत गंभीर रूप से भी ख़राब हो सकती है।

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