Ischemic Stroke : क्या आप जानते हैं क्या होता है इस्केमिक स्ट्रोक, एक्सपर्ट्स से जानें बचने का तरीका
Ischemic Stroke : आजकल ब्रेन से संबंधित बीमारियां बढ़ती चली जा रही है। इनमें से एक बीमारी इस्केमिक स्ट्रोक भी है।
Ischemic Stroke : आजकल बदलती हुई जीवन शैली के साथ बीमारियां भी बदलने लगी है। पहले जहां दो-चार गिनी चुनी बीमारियां होती थी। वहीं अब ऐसी ऐसी बीमारियां होने लगी है। जिसके बारे में किसी के लिए भी बहुत मुश्किल हो गया है। आजकल हार्ट और ब्रेन डिजीज बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं जो लोगों की जान ले रहे हैं। आजकल ब्रेन में भी कई तरह की बीमारियां होने लगी है। एक बीमारी इसकेमिक स्ट्रोक भी है, जो ब्रेन में ब्लड का फ्लो ठीक से ना होने पर हो जाती है। कई बार ब्रेन में खून के थक्के जम जाते हैं, जिनका समय पर इलाज न किया जाए तो मौत भी हो सकती है। पिछले कुछ समय में स्ट्रोक के मामले बढ़ गए हैं। पहले ये बढ़ती उम्र के साथ होते थे लेकिन अब ये कम उम्र में होने लगे हैं।
बीमारी के कारण
इस्केमिक स्ट्रोक का मुख्य कारण एथेरोस्क्लेरोसिस, या वसा जमा (प्लाक) है जो रक्त वाहिका की दीवारों पर जमा होता है। वसायुक्त जमाव दो प्रकार की रुकावट पैदा कर सकता है: सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस एक थ्रोम्बस (रक्त का थक्का) है जो मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका के भीतर फैटी प्लाक के स्थान पर विकसित होता है।सेरेब्रल एम्बोलिज्म एक रक्त का थक्का है जो हृदय या ऊपरी छाती या गर्दन की बड़ी धमनियों में या संचार प्रणाली में किसी अन्य स्थान पर बनता है। रक्त के थक्के का एक हिस्सा ढीला हो जाता है, रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से तब तक चलता रहता है जब तक कि यह उन वाहिकाओं तक नहीं पहुंच जाता जो इसे निकलने देने के लिए बहुत छोटी होती हैं।
स्ट्रोक के उपचार
जटिलताओं का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए मरीज को निगरानी में रखा जाता है।
स्ट्रोक का कारण ढूंढ कर
आगे के स्ट्रोक को रोकने के लिए पहचान करना और उपचार शुरू करना।
दूसरे स्ट्रोक को रोकने के लिए तैयारी सहित अगले चरणों के लिए मरीज का इलाज कैसे किया जाएगा इसपर ध्यान दिया जाता है।
एम्बोलिज़्म का एक मुख्य कारण अनियमित दिल की धड़कन है जिसे एट्रियल फ़िब्रिलेशन कहा जाता है । इससे हृदय में थक्के बन सकते हैं, निकल सकते हैं और मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं।