Mango Protects Health: सेहत की सुरक्षा करता आम

Mango: आम प्रत्येक स्थिति में प्रयोग आता है। कच्चे आम में स्टार्च की अधिकता होती है।

Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-05-17 15:32 IST

सेहत की सुरक्षा करता आम (social media)

Mango Protects Health: आम की गिनती दुनिया के खास फलों में की जाती है। अपने तृप्ति दायक एवं स्वाद में भरपूर गुणों के कारण इसे फलों का राजा कहा जाता है। दुनिया की कुल पैदावार का लगभग ४०प्रतिशत आम भारतवर्ष में पैदा होता है। प्राचीन काल के ग्रंथों में आम को स्वर्ग का फल कहा जाता है। कहते हैं पार्वती जी को आम बहुत प्रिय फल था। परंतु जब शिव और पार्वती पृथ्वी के लोगों को देखने के लिए पृथ्वी पर आए तो आम लाना भूल गए। पार्वती जी के आग्रह पर शिवजी ने योगमाया से धरती पर आम उत्पन्न कर दिया।इस प्रकार आम की उत्पत्ति भारत में हुई। आज आम की एक हजार से अधिक किस्में उपलब्ध हैं। आमतौर से अप्रैल में आम की उपज शुरू हो जाती है जो अगस्त सितंबर तक चलती है।

आम कच्चा हो या पका हुआ, प्रत्येक स्थिति में प्रयोग आता है। कच्चे आम में स्टार्च की अधिकता होती है। गर्मी में लू लग जाने पर कच्चे आम को पानी में उबाल कर उसकी गुठली निकाल रोगी को इस पानी को थोड़ा थोड़ा पिलाना लाभदायक रहता है।इसे पना कहते हैं। पने में चीनी या गुड़, भूना जीरा और काला नमक मिलाकर शरबत के रूप में पीने से धूप और गर्मी का असर समाप्त हो जाता है।

आम में होता है प्रोटीन

कच्चे आम की छोटी छोटी अंबियों को काटकर सुखा लिया जाता है। आमचूर का उपयोग प्रायः सभी घरों में मसाले के रूप में किया जाता है। अमचूर की फांक को पीसकर जहरीले जानवर के काटे हुए स्थान पर लगाने से ज़हर उतर जाता है। अच्छी किस्म का पका हुआ आम सम्पूर्ण संतुलित आहार माना जाता है। एक पके हुए आम में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, रेशा, चिकनाई, खनिज लवण, सोडियम, पोटेशियम, तांबा, गंधक, क्लोरीन, अल्कली, नियासिन और मौलिक एसिड मौजूद होते हैं। आम के उपलब्ध प्राकृतिक शर्करा को पचाने के लिए जीवन शक्ति का अपव्यय नही करना पड़ता है। यह स्वयं सहजता से पच जाता है। अनुसंधानों से पता चला है कि आम के उपयोग से शरीर की स्त्राय संस्थान शक्तिशाली बनाता है जो रक्त निर्माण में सहायक होता है। 

रोग बढ़ने का खतरा दूर हो जाता है

आम का प्रयोग करने से पहले उसे ठंडे पानी में अथवा धोकर फ्रिज में रखकर ठंडा करना चाहिए। इससे आम की स्वाभाविक गर्मी दूर हो जाती है। आम खाने के बाद बाद दूध पीना चाहिए। इसके निरंतर सेवन से दुबले पतले शरीर पर मोटापा चढ़ता है। जिन लोगों को रात्रि में काम दिखाई देता है, उनके लिए पका आम अत्यंत लाभदायक है। जिन बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पाता उन्हें आम के मौसम में आम का खूब प्रयोग करना चाहिए। मधुमेह के रोगी के लिए आम के कोमल पत्तों का रस अथवा उनका काढ़ा बनाकर सुबह पीने से मधुमेह के प्रारंभिक स्थिति में रोग बढ़ने का खतरा दूर हो जाता है।

दिमागी कमजोरी होने पर एक कप आम का रस , थोड़ा दूध एक चम्मच अदरक का रस और चीनी मिलाकर पीने से लाभ पहुंचता है। आम पेट के रोगों में लाभदायक है। आम की गुठली का चूर्ण बनाकर डेढ़ से दो ग्राम की मात्रा पानी के साथ लेने से दस्त की बीमारी दूर होती है। आम एक ऐसा फल है जिससे कब्ज में प्राकृतिक रूप से लाभ मिलता है। आम के प्रयोग से पाचन शक्ति बढ़ती है। गठिया के रोग में आम की गिरी के तेल की मालिश करने से लाभ होता है। गुठली के चूर्ण को छाछ के साथ खाने से पेट में कीड़ों को शिकायत दूर होती है। आम का मुरब्बा बिना रेशे वाले आम के गुदे से बनाया जाता है।

यह विशेष रूप से पौष्टिक और भूख को बढ़ाने वाला होता है। इससे दिल और दिमाग को शक्ति मिलती है। प्रायः सभी भारतीय आम का आचार खाना पसंद करते हैं। प्रायः सभी घरों में महिलाएं आम का आचार बनाना जानती हैं। जहां आम इतना गुणकारी है वहीं इसके संबंध में यह भी जान लें कि आम को सदैव धोकर उसका प्रारंभिक रस निकाल कर प्रयोग करना चाहिए। अधिक कच्चा आम खाने से पेट को हानि होती है तथा गले में जलन उत्पन्न हो सकती है।

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