Monkeypox Vaccine: तेज़ी से बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामलें, रोकथाम के लिए अब समलैंगिकों को भी लगेगी वैक्सीन
Monkeypox Vaccine: बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। गौरतलब है कि देश में अब तक लगभग 793 लोग मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
Monkeypox Vaccine: दुनिया भर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने चिंता की बड़ी सी लकीर खड़ी कर दी है। ख़ास तौर पर ब्रिटेन में इसके बढ़ते आंकड़ों ने पूरी दुनिया का ध्यान उसकी तरफ खींचा है। जी हां, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ब्रिटैन में मंकीपॉक्स के मामले 10 हजार तक भी पहुंच सकते हैं। जो बेहद चिंताजानक है। इस चिंता को गहराई से देखते हुए ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार कुछ गे और बायसेक्सुअल पुरुषों, जिनमें मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है, उन्हें भी वैक्सीन लगाई जानी बेहद जरुरी है।
बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। गौरतलब है कि देश में अब तक लगभग 793 लोग मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। हालाँकि रिपोर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स को यौन संचारित संक्रमण के रूप में अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है।
लेकिन इस रोग के यौन संबंध के दौरान, बिस्तर, तौलिये और स्किन के साथ संपर्क में आने से भी फैलने का डर रहता है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक मंकीपॉक्स के संपर्क में आए मरीजों को वायरस से उबरने में चेचक से बचाव के लिए बनाई गई वैक्सीन इम्वेनेक्स मदद कर सकती है। बता दें कि चेचक की वैक्सीन इम्वेनेक्स मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी रूप से काम करने में सक्षम बताई जा रही है। इतना ही नहीं इस वैक्सीन को यूके के वैक्सीन विशेषज्ञों, संयुक्त टीकाकरण और प्रतिरक्षा समिति (जेसीवीआई) द्वारा मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है।
वायरस का हॉटस्पॉट बना लंदन
ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को मंकिपॉक्स के आये 219 मामले अब तक एक दिन में आए सबसे ज्यादा मामलों में से एक हैं। फ़िलहाल लंदन को इस वायरस का हॉटस्पॉट माना जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका, स्पेन और जर्मनी समेत कई देश भी मंकिपॉक्स के वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
गौरतलब है कि अब तक ये वायरस सिर्फ अफ्रीका में ही पाया जाता था। लेकिन पहली ऐसा हुआ है जब ये इतनी बड़ी संख्या में अफ्रीका से बाहर देशों में भी देखने को मिल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मंकिपॉक्स के ज्यादातर मामलें समलैंगिक पुरुषों में ही मिले हैं। इसी बीच मंकीपॉक्स मॉडलिंग करने वाले वैज्ञानिकों ने बढ़ते कोरोना की भी चेतावनी देकर लोगों को खतरे से पहले आगाह करने की कोशिश की है। लेकिन वैज्ञानिको ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर व्यवहार में सुधार नहीं हुआ तो इसके मामले 10 हजार के आंकड़े को आसानी से पार करके और भी तेज़ी से बढ़ सकते हैं।
मंकिपॉक्स से संक्रमित होने वालों में सिर्फ समलैंगिक ही नहीं हैं
UKHSA ने मंगलवार को नई रणनीति उजागर करते हुए यह निर्धारित किया गया कि कुछ समलैंगिक पुरुष मंकीपॉक्स के उच्च जोखिम में आते हैं। इसलिए इसके प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए ऐसे लोगों को भी वैक्सीन लगाना बेहद आवश्यक है । हालाँकि अधिकारियों ने अब तक यह ऐसे पुरुषों के आंकड़ों को नहीं बताया है यानी अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने पुरुषों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी। अधिकारियों के अनुसार संक्रमित व्यक्ति के करीब आने वाला कोई भी व्यक्ति वायरस की चपेट में आसानी से आ सकता है। इसके लिए उसका समलैंगिक होना जरूरी नहीं है। लेकिन अभी ज्यादातर जो ज्यादा मामले सामने आये हैं वो शारीरिक संबंध से ही जुड़े हुए बताये जा रहे हैं।