Monkeypox Types: मंकी पॉक्स वायरस को मिला नया नाम, WHO ने दी ये बड़ी जानकारी
Monkeypox Types: कोरोना के बाद दुनिया भर में तेजी से फैल रहा मंकी पॉक्स के संक्रमण को लेकर सभी देश अलर्ट मोड पर हैं। इस बीच WHO ने मंकी पॉक्स को नया नाम दिया है।
Monkeypox Types: कोरोना के बाद दुनिया भर में तेजी से फैल रहा मंकी पॉक्स के संक्रमण को लेकर सभी देश अलर्ट मोड पर हैं। इस बीच WHO ने मंकी पॉक्स को नया नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ द्वारा बुलाई गई वैश्विक विशेषज्ञों के एक समूह ने मंकीपॉक्स वायरस वेरिएंट के लिए नए नामों पर सहमति जताई है। दरअसल WHO ने मंकीपॉक्स वायरस के प्रकारों के नाम की घोषणा की है।
बता दे कि डब्ल्यूएचओ द्वारा बुलाई गई वैश्विक विशेषज्ञों के एक समूह ने नए नामों पर फैसला किया है। विशेषज्ञ अब सेंट्रल में पूर्व कांगो बेसिन क्लैड (प्रकारों के समूह) का उल्लेख करेंगे। अफ्रीका क्लैड I के रूप में, और पूर्व पश्चिम अफ्रीकी क्लैड II के रूप में जाने जाएंगे। इसके दो उप-वर्ग शामिल हैं, क्लैड IIa और क्लैड IIb, जिनमें से क्लैड IIb 2022 के प्रकोप के दौरान प्रमुख वेरिएंट का मुख्य समूह था। साथ ही WHO ने कहा है कि क्लैड के लिए नए नामों का तुरंत इस्तेमाल किया जाना चाहिए। नए पहचाने गए वायरस, संबंधित बीमारियों और वायरस के रूपों को ऐसे नाम दिए जाने चाहिए जो किसी भी सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, पेशेवर या जातीय समूहों आदि तक फैलने से रोका जा सके और जो व्यापार, यात्रा, पर्यटन या पशु कल्याण पर किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम कर सके।
बता दे कि मंकीपॉक्स वायरस का नाम तब रखा गया था, जब इसे पहली बार 1958 में खोजा गया था। प्रमुख प्रकारों की पहचान उन क्षेत्रों द्वारा की गई थी, जहां इसका प्रकोप फैला था। डब्ल्यूएचओ ने आधिकारिक तौर पर जुलाई के अंत में घोषणा की थी कि इस समय मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतर्राष्ट्रीय चिंता का एक विषय बना गया है। बता दे कि डब्ल्यूएचओ की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 89 देशों और क्षेत्रों में अब तक 27,814 मामले सामने आए हैं, और इस बीमारी से 11 मौतें हुई हैं, जिसमें यूरोप और अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
जानकारी के लिए बता दे कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती है जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द , पेशाब में कमी, बार बार बेहोश होना और दौरे पढ़ना जैसे दिक्कतें आती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिनकी इम्युनिटी कम हो, कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग आदि जल्दी मंकी पॉक्स के चपेट में आते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की तरह ही मंकीपॉक्स मनुष्य से मनुष्य में फैलाता है। डॉक्टर का मानना है कि संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति के दाने, पपड़ी, शरीर के तरल पदार्थ को छूने, कपड़ों और बिस्तरों को साझा करने से फैल सकता है। यह वायरस चुंबन और आलिंगन से भी फैलता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाएं से यह संक्रमण गर्भाशय में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है। जैसे : संक्रमित व्यक्ति के साथ त्वचा से त्वचा के निकट संपर्क से बचें, संक्रमित व्यक्ति के दाने या पपड़ी को न छुएं, बर्तन, कपड़े, बिस्तर आदि साझा न करें और साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें।