Nabhi Me Tel: नाभि में डालें दो बूंद तेल, स्वस्थ जीवन का यही है खेल
Nabhi Me Tel: नाभि ही मनुष्य के जीवन ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इतना ही नहीं शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के उपरांत भी व्यक्ति के प्राण 6 मिनट तक उसकी नाभि में ही रहता है।
Nabhi me tel: नाभि (Nabhi) शरीर का एक महत्पूर्ण अंग होता है या यूं कहा जाए कि नाभि हमारे जीवन के ऊर्जा का केंद्र होता है तो यह कहना गलत नहीं होगा। बता दें कि बच्चे के जन्म के समय जब उसकी माँ के नाल से बच्चे की गर्भनाल (baby's umbilical cord) को डॉक्टर्स अलग करते हैं तो ऐसे में बच्चे के पेट पर जो निशान बनता है उसे ही नाभि कहा जाता है। हर एक व्यक्ति में नाभि के आकार और उसकी संरचना विभिन्न प्रकार की होती है। गौरतलब है कि स्तनधारी जीवों (mammals) में ही नाभि पायी जाती है जबकि अंडे देने वाले जीवों में यह नहीं पायी जाती है। शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने में भी नाभि का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है।
मान्यताओं के अनुसार नाभि ही मनुष्य के जीवन ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इतना ही नहीं शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के उपरांत भी व्यक्ति के प्राण 6 मिनट तक उसकी नाभि में ही रहता है। बता दें कि इस मानव शरीर में दिमाग से भी ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान नाभि को दिया गया है। नाभि प्राणवायु से संचालित होने वाला शरीर का प्रथम दिमाग माना जाता है।
अगर बात हिन्दू शास्त्रों की करें तो इस ब्रम्हांड के रचियता भगवान् ब्रम्हा की उत्पत्ति भी भगवान् विष्णु की नाभि से हुई मानी जाती है। संसार में जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य का जन्म स्थल नाभि ही होता है। नाभि को पाताल लोक की संज्ञा दी गयी है, जो भगवान् विष्णु (Lord Vishnu) का निवास स्थल भी माना जाता है। सम्पूर्ण जीवन का संचालन केंद्र नाभि को ही माना जाता है।
चिकित्सीय जगत में भी नाभि का विशेष महत्त्व होता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में नाभि स्पंदन से कई रोगों की पहचान होती है। इसकी सहायता से शरीर में मौजूद रोग और रोगग्रस्त होने वाले अंग का पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं नाभि के संचालन और इसकी चिकत्सा पद्धति के द्वारा हर प्रकार के रोगों को ठीक करने का दावा भी किया जाता है।
गौरतलब है कि शरीर को आंतरिक और बाह्य रूप से स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक अंग की देखभाल करना बेहद आवश्यक होता है। जिसमें नाभि एक आवश्यक भूमिका निभाती है। बता दें कि शरीर का छोटा सा भाग नाभि का ख्याल रखकर आप कई तरह की बीमारियों से भी बच सकते हैं। इसके लिए नाभि में सरसों का तेल लगाना भी आपके स्वास्थ्य को अनगिनत फायदे पंहुचा सकता है।
संक्रमण से करता है बचाव
प्रतिदिन नाभि में तेल लगाकर नहाने से शरीर में कई तरह के संक्रमण से बचाव होता है। बता दें कि नाभि की ठीक तरीके से सफाई नहीं करने से व्यक्ति को आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के संक्रमण का भी खतरा हो जाता है। ऐसे में प्राकृतिक रूप से संक्रमण का बचाव व् बचाव करने एवं कीटाणुओं से सुरक्षा के लिए नाभि में तेल लगाना एक बेहतरीन उपाए होता है। इसके लिए आप सरसों या टी ट्री जैसे तेलों का भी उपयोग कर सकते हैं। यह उपाये बैक्टीरिया को मारने के साथ -साथ उन्हें वापस आने से भी रोकने में भी कारगर साबित होता है।
मासिक धर्म के दर्द में दिलाता है राहत
हर महीने महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म में बहुत-सी महिलाओं को असहनीय पेट दर्द की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। जिसके कारण वे कई बार दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने से परहेज़ नहीं करती हैं। जो आगे चलकर स्वास्थ्य के लिए परेशानी का भी सबब बन सकता है। लेकिन प्राकृतिक रूप से रोज़ाना नाभि में तेल लगाने से मासिक धर्म के दर्द में थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। बता दें कि नाभि में तेल लगाने से गर्भाशय के आस-पास की नसों को आराम मिलने के साथ मासिक धर्म के दर्द में भी राहत मिल सकती है।
बढ़ाता है प्रजनन क्षमता (Increases fertility)
नाभि में तेल लगा कर मालिश करने से महिलाओं एवं पुरुष दोनों में ही प्रजनन क्षमता में काफी सुधार आ सकता है। इतना ही नहीं शुक्राणुओं की संख्या में सुधार करने हेतु भी नाभि में तेल लगाना एक अच्छा विकल्प होता है।
मुलायम त्वचा (soft skin)
रोज़ाना रात में सोने से पहले नाभि में तेल लगाने से त्वचा बेहद मुलायम बनती हैं। इसके लिए नारियल का तेल का इस्तेमाल भी बेहद लाभदायक होता है। प्रतिदिन इसके इस्तेमाल से त्वचा मुलायम होने के साथ ही आपकी रंगत भी निखर जाएगी।
गुलाबी और मुलायम होंठ (pink and soft lips)
मुलायम और गुलाबी होंठ की कामना हर व्यक्ति की होती है। आपको ये जानकार आश्चर्य हो सकता है कि रोज़ाना सोने से पहले मात्र नाभि में तेल लगाने से फटे होंठों की समस्या खत्म होकर आपके होंठ बिल्कुल गुलाबी और मुलायम बन सकते हैं।
रोज़ाना नाभि में तेल लगाने से पेट का दर्द कम होता है।
प्रतिदिन नाभि में तेल लगाने से आपको अपच, फ़ूड पॉइजनिंग, दस्त, मतली जैसी बीमारियों से भी राहत मिल सकती है। इसके लिए पिपरमिंट आइल और जिंजर आइल को किसी अन्य तेल के साथ पतला करके नाभि में लगाना फायदेमंद होता है।
रोज़ाना नीम के तेल को नाभि में लगाने से मुहांसों की समस्या को जड़ से ही खत्म हो जाती है। प्रतिदिन सोने से पहले 3 से 7 बूंदें घी और नारियल के तेल को नाभी में लगाने से आँखों का शुष्क हो जाना और नजर कमजोर होने जैसी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। घुटने के दर्द से छुटकारा पाने के लिए भी रोज़ाना सोने से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभी में लगाना फायदेमंद साबित होता है।