Indian Academy of Pediatrics Report: दादी-नानी नहीं, गूगल से पूछ रहे-कैसे पालें बच्चे

Indian Academy of Pediatrics report: खानपान से लेकर दवा और छोटी-छोटी जानकारी सर्च कर रहे।घर में कोई बीमार है, बच्चे का लालन-पालन करना है, तो क्या हुआ दादी-नानी के नुस्खे जो हैं।

Report :  Snigdha Singh
Update:2024-11-06 23:38 IST

Indian Academy of Pediatrics report ( Pic- Social- Media)

Indian Academy of Pediatrics report: भारतीय बाल रोग अकादमी के सर्वेक्षण में खुलासा हुआ। खानपान से लेकर दवा और छोटी-छोटी जानकारी सर्च कर रहे।घर में कोई बीमार है, बच्चे का लालन-पालन करना है, तो क्या हुआ दादी-नानी के नुस्खे जो हैं। किसी जमाने में उपयोग में आने वाले ये नुस्खे अब बीते जमाने की बात हो चुके हैं। बदलते परिवेश में हाईटेक तरीके ईजाद हो रहे हैं। शिशुओं के पालन-पोषण के लिए लोग गूगल का सहारा ले रहे है। सुनने में बात अजीब लगती है पर सत्य है।

भारतीय बाल रोग अकादमी के आंकड़ों में यह सामने आया है। डॉक्टरों के मुताबिक जाने-अनजाने में यह आदत शिशु के स्वास्थ्य के लिए मुसीबत भी बन सकती है। छह माह से साल भर की उम्र वाले 500 शिशुओं को लेकर सर्वे हुआ है, इनमें 80 फीसदी के माता-पिता पूरी तरह से गूगल पर निर्भर मिले। वह अपने कलेजे के टुकड़े के लिए खानपान से लेकर दवा तक की जानकारी किसी बड़े बुजुर्ग या डॉक्टर से नहीं, बल्कि गूगल पर सर्च करके ले रहे हैं।

खानपान में नमक, चीनी की मात्रा बेहद कम

बच्चे के खानपान को लेकर भी अहम जानकारी सामने आई। शिशु को दिए जाने वाले आहार में नमक और चीनी की मात्रा गूगल पर देखने के बाद बेहद कम या कभी-कभार ही दे रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे को आहार में नमक कम देने से ब्लड प्रेशर ही नहीं बनेगा। उसका समुचित विकास भी ठीक से नहीं होगा।

मूंगफली और ड्राई फ्रूट के साथ अंडा खिलाना पसंद

गूगल की जानकारी के आधार पर शिशु को मूंगफली और ड्राई फ्रूट के साथ अंडा अधिक मात्रा में खिलाना पसंद किया जा रहा हैं। इसके पीछे तर्क है कि ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगा। हालांकि डॉक्टरों के नजरिए से यह बेहद गलत है। अत्यधिक प्रोटीन मिलने से बच्चे की किडनी समेत अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ेगा। भविष्य में कई तरह की मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी। एक साल की आयु वाले शिशुओं को ज्यादा प्रोटीन व अंडा देने से एलर्जी और सांस रोग की आशंका बढ़ जाती है।

डॉ. जेके गुप्ता, भारतीय बाल रोग अकादमी के अनुसार गूगल के सहारे शिशुओं के पालन-पोषण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 80 फीसदी माता-पिता घर बूढ़े-बुजुर्ग या डॉक्टर से नहीं, गूगल पर खानपान के तरीकों को सर्च कर रहे हैं। यह शिशु के लिए बेहद गलत और परेशान करने वाला है।डॉ, अमितेश यादव, सचिव बाल रोग अकादमी के अनुसार गूगल पर सर्च करके शिशु का पालन-पोषण करना गलत है। बदलते परिवेश में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों की राय पर खानपान का चार्ट तैयार करें। इस बात को माता-पिता को समझना बेहद जरूरी है।

Tags:    

Similar News