Polio Symptoms: जानलेवा न बन जाए पोलियो, जानें बचाव के उपाय

Polio Symptoms: पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जिससे संक्रमित होने वाले इंसान को शरीर के किसी एक अंग या पूरे अंग में लकवा मार देता है।

Newstrack :  Network
Update:2024-06-24 10:14 IST

Polio (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Polio: पोलियो एक दुर्बल करने वाली जानलेवा बीमारी है। यह पोलियो वायरस (Poliovirus) के कारण होने वाला एक संक्रमण है, जो संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकता है। इससे पक्षाघात (Paralysis) या मृत्यु भी हो सकती है। इसे पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis) के नाम से भी जाना जाता है। साल 1988 में पूरी दुनिया से पोलियो को खत्म करने के लिए एक मिशन की शुरू किया गया था। भारत में 2 अक्टूबर 1994 को पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम शुरू किया था और साल 2014 में भारत पोलियो मुक्त देश बन गया।

पोलियो के लक्षण (Polio Symptoms)

बता दें पोलियो से संक्रमित होने वाले इंसान को शरीर के किसी एक अंग या पूरे अंग में लकवा मार देता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को इस बीमारी का ज्यादा डर रहता है। अधिकांश व्यक्तियों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन अन्य मामलों में नीचे बताए गए लक्षण दिखते हैं।

1- बुखार

2- सिरदर्द

3- गला खराब होना

4- गर्दन और पीठ में अकड़न

5- मांसपेशियों में दर्द

6- पैर या हाथ हिलाने में परेशानी होना

7- कमजोरी

8- लकवा

पोलियो फैलने की वजह

जैसा कि हमने बताया यह एक संक्रामक बीमारी है तो ये एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। अगर कोई असंंक्रमित व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के थूक, लार या मल के संपर्क में आ जाए तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा गंदे पानी में तैरने, दूषित भोजन, गंदा पानी का सेवन करने और शौचालय जाने के बाद ठीक से हाथ न धोने की वजह से भी यह फैल सकता है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पोलियो से बचने के उपाय

बता दें पोलियो से बचाव का एकमात्र उपाय है इसका टीकाकरण (Polio Vaccine)। 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को इस बीमारी का ज्यादा डर रहता है। इसलिए भारत में 5 साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को ओरल पोलियो वैक्सीन दी जाती है, जिससे उन्हें इस खतरनाक बीमारी से बचाया जा सके।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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