Prosopagnosia Symptoms: लोगों को पहचानने में हो रही है परेशानी, हो सकती है ये बीमारी
Prosopagnosia Symptoms: प्रोसोपैग्नोसिया एक ऐसी बीमारी जिसमें लोगों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएं। दरअसल प्रोसोपैग्नोसिया एक समस्या होने पर मरीज को लोगों के चेहरे पहचानने में दिक्कत होती है।
Prosopagnosia Symptoms: प्रोसोपैग्नोसिया एक ऐसी बीमारी जिसमें लोगों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएं। दरअसल प्रोसोपैग्नोसिया एक समस्या होने पर मरीज को लोगों के चेहरे पहचानने में दिक्कत होती है। जिसके कारण मरीज अपने घर से निकलना नहीं चाहते। ऐसे में आइए जानते हैं Prosopagnosia क्या है और ट्रीटमेंट
क्या है Prosopagnosia
दरअसल प्रोसोपेग्नोसिया में लोगों को पहचान पाना मुश्किल होता है। प्रोसोपेग्नोसिया से पीड़ित लोग डर या घबराहट से घर से निकलना बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं प्रोसोपेग्नोसिया से ग्रसित लोग अपने करीबियों को भी नहीं पहचान पाते हैं।
Prosopagnosia के लक्षण (Symptoms of Prosopagnosia)
ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ लोगों में दूसरे लोगों को पहचानने की शक्ति भी कम हो जाती है। कई बार तो सामने होते हुए भी लोग पहचान नहीं पाते हैं। हालांकि, वो देख जरूर सकते हैं, लेकिन पहचान नहीं पाते है क्योंकि उनका दिमाग ये समझाने में साथ नहीं देता है कि उनके सामने कौन है। दरअसल, ये कोई आम समस्या या उम्र के साथ होने वाली कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ये एक गंभीर बीमारी है, जिसे प्रोसोपैग्नोसिया कहते हैं। इसमें याददाश्त की कमजोरी (हालांकि कुछ डॉक्टर्स का ऐसा नहीं मानना है), ऑटिज्म विकार, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के कारण या दिमाग में चोट लगने से होता है। बता दे कि फिल्म इश्क विश्क फेम बॉलीवुड एक्ट्रेस शहनाज ट्रेजरीवाला इसी बीमारी से जूझ रही हैं।
प्रोसोपेग्नोसिया का इलाज (Prosopagnosia Treatment)
प्रोसोपेग्नोसिया को फेस ब्लाइंडनेस भी कहा जाता है। बता दे प्रोसोपेग्नोसिया का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, बता दे कि कई थेरेपी और इलाज की प्रक्रियाओं से पेशेंट्स के चेहरा पहचानने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है। इसके अलावा परिवार के लोगों और कुछ अनजाने लोगों की तस्वीरें दिखाकर, पहचानने की क्षमता का मूल्यांकन, चेहरे के सेट से भावनात्मक संकेतों का पता लगाना और जैसी जानकारी का आकलन करना भी इसका इलाज है।