Safe Screen Time: कितने घंटे फोन या लैपटॉप देखना है आंखों के लिए सेफ, बच्चों और बड़ों दोनों के लिए जानना जरूरी

Safe Screen Time Limit: स्क्रीन टाइम वह समय होता है, जो आप मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी अन्य डिवाइस को देखने में बिताते हैं। सीधी भाषा में यह स्क्रीन देखने में प्रतिदिन बिताया गया कुल समय है।

Written By :  Shreya
Update: 2024-09-09 13:26 GMT

Safe Screen Time (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Safe Screen Time By Age: आज के समय में बड़े से लेकर बच्चे तक मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी अन्य विजुअल डिवाइस पर काफी ज्यादा समय बिताते हैं। कोविड के बाद से तो बच्चों का स्क्रीन टाइम और भी बढ़ गया है। साथ ही वर्क फ्रॉम होम कल्चर (Work From Home Culture) के चलते और ऑफिस में लोगों को कंप्यूटर के सामने घंटों बैठना पड़ता है। अगर काम न हो तो मनोरंजन के लिए सोशल मीडिया पर लंबे समय तक वीडियोज स्क्रॉल करेंगे, नहीं तो मूवी देखने और गेम्स खेलने में समय बीता देंगे। लेकिन आपकी ये आदत आपकी आंखों में जल्द ही चश्मा भी लगवा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चों और खुद के स्क्रीन टाइम पर भी लिमिट लगा दें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कितनी देर स्क्रीन के सामने समय बिताना सेफ माना जाता है।

क्या होता है स्क्रीन टाइम (Screen Time Kya Hota Hai)

स्क्रीन टाइम वह समय होता है, जो आप मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी अन्य डिवाइस को देखने में बिताते हैं। सीधी भाषा में यह स्क्रीन देखने में प्रतिदिन बिताया गया कुल समय है।

कितनी होनी चाहिए स्‍क्रीन टाइम लिमिट (Screen Time Kitna Hona Chahiye)

कई बार व्यक्ति फोन, टीवी देखने में इतना मग्न हो जाता है कि उसे ये पता ही नहीं चलता कि वह स्क्रीन के सामने कितना समय बिता रहा है। वहीं, मौजूदा समय में ज्यादातर लोगों के लिए स्क्रीन के सामने वक्त बिताना मजबूरी भी बन गई है। क्योंकि या तो वह लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम कर रहे होते हैं या फिर पढ़ाई। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा बच्चों और बड़ों सबके लिए एक सेफ स्क्रीन टाइम बताया गया है। आइए जानें उम्र के हिसाब से किस व्यक्ति को स्क्रीन के सामने कितना वक्त बिताना चाहिए।

बच्चों को कितना देखना चाहिए फोन या टीवी

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अक्सर लोग अपने बच्चे को खाना खिलाते हुए या फिर बिजी रखने के लिए टीवी या फोन देखने को छूट दे देते हैं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह की स्क्रीन के संपर्क में नहीं लाना चाहिए। जबकि 2 से 5 साल के बच्चों को 1 घंटे से अधिक फोन या टीवी न देखने दें। बच्चे अगर बड़े या किशोर हैं तो उनके लिए सेफ स्क्रीन टाइम 2 घंटे माना जाता है। लेकिन इससे ज्यादा फोन देखने पर उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है और उनकी नींद भी खराब हो सकती है।

बड़ों को कितना देखना चाहिए फोन

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बात जब बड़ों के स्‍क्रीन टाइम लिमिट की आती है तो उनके लिए फिलहाल कोई फिक्स गाइडलाइंस नहीं हैं। क्योंकि अगर किसी का काम ही फोन, लैपटॉप और कंप्‍यूटर पर हो तो उसको स्क्रीन टाइम कम करने की सलाह कैसे ही दी जा सकती है। लेकिन जब काम खत्म हो जाए तो जरूरी है कि वह फोन कम से कम देखें। साथ ही काम के दौरान बीच-बीच में थोड़ा गैप जरूर लें, ताकि आंखों को रिलैक्स मिल सके। वहीं, अगर आपका काम फोन या लैपटॉप पर नहीं है तो बड़ों को दो घंटे से ज्‍यादा फोन नहीं देखना चाहिए।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन सुझावों पर अमल करने से पहले या इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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