Sleep Paralysis: जब नींद में आपके ऊपर कोई बैठा हुआ लगे और बंद हो जाये आपकी आवाज, आइये जाने ये क्यों होता है

Sleep Paralysis Causes and Symptoms: क्या आपको सोते समय ऐसा लगता है कि सपने में कोई आपके ऊपर बैठा हो, आपको अपनी तरफ खींच रहा हो।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-11-17 13:35 GMT

Sleep Paralysis Causes and Symptoms: क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि सोने से पहले जिस बारे में बात करते हैं या फिर जिस बारे में सोचते हैं, उसी से संबंधित सपने आते हैं। लेकिन कभी-कभी ये सपने ही बहुत ज्यादा अजीब बन जाते हैं। जिनका आपसे कोई लेना-देना नहीं होता है। पर वो सपने आपको झकझोर के रख देते हैं। जैसे कभी सोते हुए अचानक आपकी नींद खुलती है और एकदम से आपको लगता है कि जैसे कोई आपके ऊपर बैठा हुआ है। इस दौरान आपके साथ कुछ ऐसा होता है जिसमें आप देख तो सब कुछ रहे होते हैं पर आप खुद हिल डुल नहीं पाते हैं। ऐसा सोते समय मात्र कुछ सेकेंड्स के लिए होता है पर बहुत ही भयानक स्थिति लगती है। 

सोते समय इस तरह के सपने में आपको लगता है कि मानों कोई आपके ऊपर बैठा हो, आपको अपनी तरफ खींच रहा हो। आप अपने आस-पास वालों को बताने की चिल्लाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आपके मुंह से कोई भी शब्द साफ-साफ नहीं निकल रहे हो। आप लगातार चिल्लाने की कोशिश कर रहे हैं पर आप खुद की ही मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। वैसे तो कई लोग इस स्थिति से गुजरे होंगें और लोगों ने इस पर कई तरह भी बातें भी बनाई होंगी। इस तरह की बीमारी को स्लीप पैरालिसिस कहते हैं। 

ऐसा करते हैं

कुछ लोग इस तरह की स्थिति को भूत प्रेत का साया मानने लगते हैं। या फिर बोलते हैं कि बुरी नजर लगी है। इसके लिए तरह-तरह के पूजा-पाठ अनुष्ठान, दान-दक्षिणा और भी बहुत कुछ करते हैं। ये कराना कोई गलत नहीं है क्योंकि ये कोई घातक बीमारी नहीं है। आपके मन को अगर ये करके शांति मिलती है तो आप इसे करा सकते हैं।  

ऐसे में अगर इस स्थिति को विज्ञान की दृष्टि से देखें तो हमारा मस्तिष्क हमारी खुद की भलाई के लिए हमारे शरीर को पेरालाईस (अपंग) कर देता है, इसलिए जब हम सोते समय सपने में किसी का पीछा कर रहे होते है या चलते है तो हमारे पैर आगे नहीं बढ़ते। तो स्लीप पैरालिसिस की स्थिति में हमारा मस्तिष्क जाग जाता है लेकिन शरीर सोया रहता है इसलिए हम खुद तो जाग जाते हैं पर हिल नहीं पाते और नहीं बोल पाते हैं।

डॉक्टरों का इस बारे में कहना है कि ऐसा तब होता है जब शरीर नींद की प्रक्रिया के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पा रहा होता है। इसके कारण कई सारे हैं-

(1) - अनुवांशिक कारण

(2) - नींद पूरी न हो पाती हो

(3) - नींद का रूटीन गड़बड़ हो

(4) - बाईपोलर डिसऑर्डर समस्याओं

(5) - स्लीप डिस्ऑर्डर्स से गुजर रहा हो

(6) - किसी मानसिक स्थिति के लिए दवाइयां ले रहे हो या सीने पे हाथ रख कर सोने से भी ऐसा होने लगता है

(7) - ये कोई घातक बीमारी नही सबके साथ हो जाता है, पर बार बार ऐसा होने पर अगर नास्तिक है तो डॉक्टर से मिले, आस्तिक के लिए उपचार ऊपर बताया गया है l

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