Cigarette Peene Se Nuksan: बीमारियों की जद में लेकर जा रहा महिलाओं में बढ़ता सिगरेट का क्रेज

Mahilaon Ko Cigarette Peene Se Nuksan: महिलाओं में तेजी से बढ़ रही सिगरेट पीने की लत संख्या भले ही पुरुषों की तुलना में कम हो। लेकिन ये महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-12-24 21:09 IST

Mahilaon Ko Cigarette Peene Se Nuksan (Photo - Social Media)

Mahilaon Ko Cigarette Peene Se Nuksan: आधुनिकता की आड़ में महिलाओं के भीतर नशा करने की आदत आज के दौर का एक ट्रेंड बन चुकी है। शहरों में रात भर चलने वाले पब, बार में जहां हाथ में शराब का ग्लास और सिगरेट के कश लगाती कम उम्र की लड़कियों और महिलाओं की बड़ी संख्या मौजूद रहती है। ये ट्रेंड महिलाओं को एक बड़ी घातक बीमारी की ओर लेकर जा रहा है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तंबाकू के धुएं में 7,000 से ज़्यादा रसायन होते हैं, जिनमें से 70 से ज़्यादा कैंसर का कारण बनते हैं। वहीं आजकल बढ़ते ई सिगरेट को लेकर भी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें अधिकांश ई-सिगरेट में निकोटीन होता है, जो अत्यधिक नशे की लत है और गर्भवती महिलाओं, गर्भ में पल रहे बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

ई-सिगरेट से निकलने वाले एरोसोल में हानिकारक और संभावित रूप से हानिकारक तत्व भी हो सकते हैं। इनमें कैंसर पैदा करने वाले रसायन और छोटे कण शामिल हैं, जो सांस के जरिए फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं। खासकर महिलाओं को इसके सेवन से प्री-मैन्स्ट्रूयल सिंड्रोम से लेकर प्रजनन से जुड़ी समस्याओं तक का सामना करना पड़ सकता है।ऐसे में बेहतर है कि आप जल्द से जल्द इस मुसीबत से अपना पीछा छुड़ा लें। धूम्रपान छोड़ने से तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

क्या कहती है ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे कि रिपोर्ट

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक) (सभी वयस्कों का 29%) तंबाकू का सेवन करते हैं। यानी भारत में, हर दसवां वयस्क व्यक्ति धूम्रपान करने वाला है। पुरूषों में स्मोकिंग का ट्रेंड 19 फीसदी, तो महिलाओं में मात्र 2 प्रतिशत देखा गया।


महिलाओं में तेजी से बढ़ रही सिगरेट पीने की लत संख्या भले ही पुरुषों की तुलना में कम हो। लेकिन ये महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है। तो आइए जानते हैं सिगरेट पीने से महिलाओं के शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में -

फेफड़े का कैंसर

सिगरेट पीने से महिलाओं और पुरुषों में फेफड़े के कैंसर से होने वाली मौतों का खतरा बढ़ जाता है।


गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर

धूम्रपान से गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।


मूत्राशय कैंसर

तंबाकू धूम्रपान से महिलाओं में मूत्राशय कैंसर का जोखिम 20-30þ होता है।

ब्रेस्ट कैंसर

जापान के एक शोध के मुताबिक, 21 सालों से लगातार धूम्रपान करने वाली प्री-मोनोपॉज़ल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर से मौत का खतरा 3.4 गुना ज़्यादा होता है।

सिगरेट पीने से होने वाले कुछ और कैंसरः

इस लिस्ट में खासकर महिलाओं में अग्नाशय कैंसर, गुर्दे का कैंसर, यकृत कैंसर, गले का कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर जैसी घातक बीमारी की संभावनाएं पुरुषों के मुकाबले कही अधिक होती हैं।

​भ्रूण और शिशु पर प्रभाव-

यदि मां धूम्रपान कर रही है, तो नवजात शिशु के जन्म के समय कम वजन होने की संभावना ज्यादा रहती है। दरअसल, धूम्रपान करने से भ्रूण के फेफड़े ठीक से विकसित नहीं हो पाते। इस कारण कई बच्चों के होठ फटे और तालु कटा होता है।


गर्भपात यानी मिसकैरेज की संभावना भी ज्यादा रहती है।

डेथ सिंड्रोम को होती है संभावना

धूम्रपान या तंबाकू का सेवन स्तन के दूध में निकोटिन घोल सकता है, जिससे शिशु में अचानक डेथ सिंड्रोम होने की संभावना बढ़ जाती है।

प्रजनन स्वास्थ्य पर असर -

7000 से ज्यादा केमिकल हैं, जो धूम्रपान करते समय सांस के जरिए शरीर के भीतर पहुंचते हैं। इनमें से कुछ केमिकल्स महिला स्मोकर्स के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हुए हैं। ये उनके प्रजनन स्वास्थ्य कोप्रभावित करते हैं। इन केमिकल से न केवल ओव्यूलेशन की संभावना कम होती है, बल्कि ये फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय में जाने वाले अंडे की गतिशीलता को भी कम करते हैं। जिससे भ्रूण का विकास गर्भाशय के बाहर होता है। इसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है। इस तरह की स्थिति भ्रूण के लिए घातक, तो मां के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

प्री-मैन्स्ट्रूयल सिंड्रोम (पीएमएस)-

धूम्रपान और तंबाकू महिलाओं के लिए कई स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है। धूम्रपान के चलते महिलाओं में मासिक धर्म से पहले के लक्षणों पर बुरा असर पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करने से ऐंठन जैसे गंभीर मासिक धर्म के लक्षणों में 50 प्रतिशत वृद्धि देखी जाती है। यह समस्या धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करने वाली महिलाओं में दो या इससे भी ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।

2020 में सर्जन जनरल की एक रिपोर्ट के अनुसार -

धूम्रपान बंद करने से होते हैं ये लाभ

यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं कि गर्भवती महिला द्वारा धूम्रपान बंद करने से उनके तथा गर्भस्थ शिशु और नवजात शिशु के स्वास्थ्य को लाभ होता है। जो महिलाएं गर्भावस्था से पहले या उसके दौरान धूम्रपान छोड़ देती हैं, उनमें शिशु मृत्यु दर का जोखिम उन महिलाओं की तुलना में कम होता है जो धूम्रपान जारी रखती हैं। जो महिलाएं प्रतिदिन दो या अधिक पैकेट सिगरेट पीती हैं, उनमें फेफड़े के कैंसर से मरने का जोखिम उन महिलाओं की तुलना में 20 गुना अधिक होता है जो धूम्रपान नहीं करती हैं।


सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना भी है खतरनाक

सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने वाली महिलाओं में फेफड़े के कैंसर होने की संभावना पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है।

धूम्रपान प्रत्येक वर्ष महिलाओं में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से होने वाली 80 प्रतिशत मौतों तथा स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है

तेजी से पड़ता है उम्र पर असर

धूम्रपान करने से तेजी महिलाओं की स्किन पर उम्र का असर दिखाई पड़ने लगता है। धूम्रपान करने वालों के चेहरे पर झुर्रियाँ, मसूड़ों की बीमारी, दाँतों की सड़न और हैलिटोसिस (सांसों की बदबू) की समस्या अधिक होती है। एक अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान करने वाली अधिकतर महिलाओं के बाल 40 की उम्र तक सफेद हो जाते हैं। 50 की उम्र तक यह जोखिम दोगुना हो जाता है।

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