टेलीमेडिसिन – मौजूदा दौर में है मददगार
अगर आप डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। डॉक्टर को फोन करने से पहले आप डॉक्टर का पुराना पर्चा और जांच रिपोर्ट (यदि कोई हो) को अपने पास रख लें। ताकि ऑनलाइन डॉक्टर से एडवाइस लेते समय जब वे आपसे जांच रिपोर्ट या पुराने पर्चे के बारे में पूछें, तो आप तुरंत जवाब दे सकें।
नई दिल्ली। मेडिकल इंडस्ट्री आमतौर पर फिजिकल संपर्क पर काम करती है। डाक्टर मरीज की नब्ज देखता है, स्टेथोस्कोप का प्रयोग किया जाता है, मरीज को छू कर देखा जाता है आदि। लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते ये सब चीजें फिलहाल बंद हैं। यानी डाक्टर अपने मरीजों से फिजिकल डिस्टेन्सिंग अपना रहे हैं।
ऐसे में टेलीमेडिसिन एक व्यावहारिक विकल्प बन कर सामने आई है। वैसे तो टेलीमेडिसिन विश्व में काफी पहले से प्रचलित है। 2015 में भारत में सरकार ने सेहत नमक अभियान शुरू किया जिसका मकसद देश भर में 60 हजार स्वास्थ्य सुविधाओं को आपस में जोड़ कर सबको वर्चुअल हेल्थकेयर उपलब्ध कराना था।
अब इस महामारी के दौर में सरकार टेलिमेडिसिन को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है। ये एक दूरगामी कदम साबित होगा। विदेशों में टेलीमिडिसिन इस समय काफी प्रचलित है।
आकर्षक है ये सुविधा
आज के समय में डिजिटल हेल्थकेयर एक आकर्षक और आवश्यक सुविधा समझी जा रही है। टेलीमेडिसिन के जरिये मरीज डाक्टर के पास या अस्पताल जाए बगैर परामर्श कर सकते हैं और इलाज पा सकते हैं। देश में जिस तरह अस्पतालों और डाक्टरों की कमी है उस आलोक में टेलीमेडिसिन बेहतर विकल्प है।
देश में 1800 की आबादी पर एक डाक्टर है। ये डब्लूएचओ के मानक से बहुत कम है। 60 फीसदी अस्पताल, 75 फीसदी डिस्पेन्सरी और 80 फीसदी डाक्टर शहरी क्षेत्रों में हैं और ये सब 28 फीसदी आबादी को सर्विस प्रदान करते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण जनता हेल्थ सुविधाओं से बुराई तरह वंचित है और इसमें टेलीमेडिसिन बहुत मददगार साबित हो सकती है।
टेलीमेडिसिन का फायदा ये भी है कि कोई भी व्यक्ति दुनिया में कहीं भी बैठे किसी भी डाकतारा या विशेषज्ञ से परामर्श कर सकता है। इसमें खर्चा भी कम है और समय की बचत भी है। सबसे बड़ी बात ये कि प्रत्येक व्यक्ति की पहुँच सभी डाक्टरों तक हो जाती है।
अगर आप डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। डॉक्टर को फोन करने से पहले आप डॉक्टर का पुराना पर्चा और जांच रिपोर्ट (यदि कोई हो) को अपने पास रख लें। ताकि ऑनलाइन डॉक्टर से एडवाइस लेते समय जब वे आपसे जांच रिपोर्ट या पुराने पर्चे के बारे में पूछें, तो आप तुरंत जवाब दे सकें।
सभी सवाल पूछें
जब आप ऑनलाइन डॉक्टर एडवाइस लेने जाएं पहले ही बीमारी से जुड़े सभी सवालों की लिस्ट बना लें। डॉक्टर से जो भी बात पूछनी हो उसे याद करके लिख लें। दवाई, खुराक और दवाई के सेवन का समय आदि सभी बातों को पूछ लें।
मांगें सटीक जानकारी
ऑनलाइन डॉक्टर एडवाइस के समय डॉक्टर से उनका पर्चा जरूर मांगे। कोई जरूरी नहीं है कि डॉक्टर की बताई सारी बातें आपको पूरी तरह याद रह जाएँ। अगर डॉक्टर आपको कोई जांच कराने की सलाह देते हैं, तो वह जांच जरूर कराएं। इसके लिए भी आपको डॉक्टर के पर्चे की जरूरत पड़ेगी। ये पर्चा आप मेल या व्हाट्सऐप से ले सकते हैं।
बताएं सभी लक्षण
ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन के समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप और डॉक्टर, दोनों दूर-दूर बैठे हैं। ऐसे में आप अपनी तकलीफ के सभी लक्षणों को बताएं। सभी बातों की सटीक और छोटी से छोटी जानकारी साझा करें।