Thyroid: जानें आखिर क्यों पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं थायराइड की शिकार
Thyroid: थायराइड की समस्या होने पर शरीर को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। रोजमर्रा के काम करना भी थायराइड के मरीजों के लिए मुश्किल हो जाता है।
Thyroid: थायराइड की समस्या होने पर शरीर को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। रोजमर्रा के काम करना भी थायराइड के मरीजों के लिए मुश्किल हो जाता है। थायराइड में चलने फिरने में भी समस्या होने लगती है। हालांकि थायराइड के लक्षण बिल्कुल सामान्य होते हैं, जिसके कारण थायराइड का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
थायराइड के लक्षणों को कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। बता दे कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं थायराइड की शिकार हो जाती हैं।दरअसल कुछ शोध के अनुसार यह बात देखने को मिली है कि महिलाओं को थायराइड की समस्या ज्यादा होती है। ज्यादातर थायराइड की समस्या 31 से 45 आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिलती है। दुनिया भर में 20 करोड़ लोग थायराइड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। एक शोध के अनुसार महिलाओं में थॉयराईड डिसऑर्डर की संभावना पुरूषों की तुलना में अधिक होती हैं। डॉक्टरों की मानें तो पुरूषों की तुलना में महिलाओं का शरीर हॉर्मोनल बदलाव के लिए अधिक संवेदनशील और अधिक प्रतिक्रियाशील होता है। इसलिए सभी महिलाओं को टीएसएच स्तर की जांच करानी चाहिए, गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था की पुष्टि होने के बाद भी तुरंत स्क्रीनिंग की जानी चाहिए। थायराइड 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 15-20% तक प्रभावित करता है। एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायरॉइड दस गुना ज्यादा होता है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में ऑटोम्यून्यून की समस्या ज्यादा होना है।
थॉयराईड डिसऑर्डर का असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है। थायराइड के कारण कार्डियक और डाइजेस्टिव फंक्शन्स (दिल एवं पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली), दिमाग के विकास, हड्डियों के रखरखाव और व्यक्ति के मूड पर असर पड़ता है। थायरॉयड में मरीज को डाइजेस्टिव सिस्टम में परेशानी होती है, बिना किसी वजह के थकावट होती है, मांसपेशियों की कसावट कम होने लगती है, मूड हमेशा बदलता रहता है। साथ ही वजन में अचानक परिवर्तन होता है। नींद, थकान, ठंडे हाथ पैर और कब्ज जैसे लक्षण भी पाए जाते हैं। थायराइड की समस्या से बचने के लिए आपको आयोडीन का सेवन करना चाहिए क्योंकि आयोडिन की कमी से थायरॉइड की समस्या उत्पन्न होती है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में ये समस्या आम हो जाती है। इसलिए महिलाओं को सी फूड, क्रूसिफेरस सब्जियों जैसे आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को प्रोसेस्ड फूड को संतुलित आहार में शामिल नहीं करना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में चीनी, रंग, स्वीटर्स आदि शामिल हैं उन्हें आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इससे वजन और बढ़ सकता है। इसके अलावा थायरॉइड से छुटकारा पाने किए संतुलित आहार सबसे जरुरी है। आंतों में सूजन थायरॉइड की समस्याओं का कारण बन सकती है। प्रतिदिन दो से तीन तरह की सब्जी और फलों का सेवन जरूर करना चाहिए। साथ ही थायराइड की जांच कराते रहना चाहिए। थायराइड में अपने वजन को कंट्रोल में रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि वजन बढ़ने से आपकी समस्या भी बढ़ सकती है। थायराइड के लक्षणों को कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि बाद में जाकर यह घटक बीमारी का रूप ले सकता है।