शरीर में किस विटामिन की है सबसे ज्यादा जरूरत,..इन फूड्स को करें भोजन में शामिल फिर देखें कमाल
Vitamins For Our Body: विटामिन दांतों, हड्डियों और स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। शरीर में किसी भी विटामिन की कमी हो जाये तो यह शरीर को बहुत गंभीर बीमार बना सकता है।
Vitamins for your body : मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन (vitamin) बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें, कि शरीर में कुल 13 विटामिन्स होते हैं। विटामिन भोजन के अवयव हैं, जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता जरूर होती है। खास बात ये है, कि रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। विटामिन उस यौगिक को कहते हैं जिसे शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में अपने आप उत्पन्न नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे भोजन के रूप में ले सकते हैं।
गौतलब है, कि विटामिन दांतों, हड्डियों और स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। अगर शरीर में किसी भी विटामिन की कमी हो जाये तो यह शरीर को बहुत गंभीर बीमार बना सकता है।
कई बार विटामिन की कमी से 'नाइट ब्लाइंडनेस' (रतौंधी) और 'केरातो मलैया' हो जाता है। शरीर में विटामिन्स की आपूर्ति मीट, अंडे, चीज, क्रीम, फल, सब्जियों आदि से पूरी होती है। विटामिन में मौजूद ऐंटी औक्सीडैंट गुण दांतों को स्वस्थ बनाये रखने के साथ -साथ अंदरूनी रूप से भी मज़बूती प्रदान करता है। विटामिन को 2 वर्गों में विभाजित किया गया है। पहला वाटर सौलूबल और दूसरा फैट सौलूबल।
क्या है वाटर सौलूबल?
वो विटामिन जो पानी में आसानी से घुल जाने के साथ शरीर में स्टोर नहीं रहते उन्हें वाटर सौलूबल विटामिन कहते हैं। विटामिन सी, विटामिन बी 7, विटामिन बी9, बी 3 , बी 5, बी 2, बी1, बी6, बी12 ये सारे इस के अंतर्गत ही आते हैं। वाटर सौलूबल विटामिन ऊर्जा उत्पन्न करने के साथ प्रोटीन व कोशिकाओं को बनाने व कोलाजन के निर्माण में सहायक होते है।
काया होता है फैट सौलूबल?
वो विटामिन जो शरीर के फैट में घुल जाते हैं और शरीर के फैट टिशूज में स्टोर रहते हैं उन्हें फैट सौलूबल विटामिन्स कहते है। इसके अंतर्गत विटामिन ए, डी, ई, के आते हैं। हड्डियों को मजबूती प्रदान करना, सैल्स को हैल्दी रखना और आंखों की रोशनी को बचाए रखने जैसा महत्वपूर्ण कार्य का काम फैट सौलूबल विटामिन्स करते हैं।
शरीर के लिए जरूरी होते हैं 13 विटामिन्स
-विटामिन ए(रैटिनौल) इसका काम दांतों, हड्डियों और स्किन को हैल्दी बनाये रखना है। शरीर में इसकी कमी से नाइट ब्लाइंडनेस और केरातो मलैया हो सकता है। मीट, अंडे, चीज, क्रीम, फल, सब्जियों आदि प्रमुख स्रोत है।
-विटामिन सी ( ऐस्कोबिक एसिड) इसका काम शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करने के साथ ऊतकों को स्वस्थ बनाए रखना है। चूँकि यह ऐंटी औक्सीडैंट गुणों से भरपूर होता है इसलिए ये दांतों को भी स्वस्थ बनाये रखता है। शरीर में इसकी कमी से स्कर्वी बीमारी होती है। पालक, पत्ता गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, आलू आदि में इस विटामिन की भरपूर मात्रा पायी जाती है।
-विटामिन बी 6 इसका काम लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के साथ ब्रेन फंक्शन को मैंटेन रखना है। शरीर में इसकी कमी से नर्व डैमेज हो जाते हैं। फिश, ब्रैड, अंडे, सब्जियां, सोयाबीन, आलू आदि के सेवन से इसकी कमी पूरी हो सकती है।
-विटामिन बी12 शरीर में इसका काम मैटाबोलिज्म बढ़ाते हुए रैड ब्लड सैल्स को बनाने के साथ सैंट्रल नर्वस सिस्टम को मैंटेन रखना है।शरीर में इसकी कमी से मेगालोब्लास्टिक ऐनिमिया हो जाता है। अंडे, मछली, लो कैट मिल्क, दही, चीज ये सभी इसके स्रोत है।
-विटामिन डी शरीर में इसका काम कैल्शियम को अवशोषित करना है। इतना ही नहीं यह कैल्शियम और फास्फोरस के उचित रक्त स्तर को बनाए रखने में भी सहायक है। शरीर में इसकी कमी से रिकेट्स और osteomalacia हो जाता है। अंडे का पीला भाग, संतरा, सोया मिल्क, चीज, डेयरी प्रोडक्ट्ïस आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन ई शरीर में इसका काम लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करना है। .शरीर में इसकी कमी से नवजात शिशु में हेमोलाइटिक ऐनिमिया का शिकार हो जाता है। कीवी, ऐपोकेडा, अंडा, दूध, नट्स, सब्जियां आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन बी 7(बायोटिन )शरीर में इसका काम प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय करने के साथ -साथ हारमोन और कौलेस्ट्रोल के उत्पादन करना भी है। शरीर में इस की कमी से डर्मेटाइटिस और intestine में जलन की परेशानी हो जाती है।
-विटामिन बी3 शरीर में इसका काम त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ -साथ नसों को सुचारु रूप से काम करने में मदद करना है। शरीर में इसकी कमी से पेलाग्रा होता है। फिश, टमाटर, डेट्ïस, दूध, अंडे, ऐवोकेडा, गाजर, ब्रोकली, नट्ïस आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन बी 9 (फोलिक एसिड ) शरीर में इसका काम विटामिन बी12 के साथ काम करके लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करना है। इतना ही नहीं यह शरीर में डीएनए के उत्पादन के लिए अति आवश्यक है, जो ऊतक विकास और सैल्स फंक्शन को नियंत्रित करने का काम करता है। शरीर में इसकी कमी से बच्चे में डिफेक्ट्स होने की सम्भावना रहती है इसलिए गर्भावस्था से कुछ महीने पहले से ही इसे लेने की सलाह दी जाती है। हरी सब्जियां, दालें, अंडे, ब्रोकली इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन बी5(पैंटोथेनिक एसिड) शरीर में इसका काम मैटाबोलिज्म बढ़ाने के साथ -साथ हार्मोन और कोलेस्ट्रोल के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। शरीर में इसकी कमी से चक्कर आना, डिप्रैशन, पेट में दर्द की समस्या होती है। ऐवोकेडा, आलू, ब्रोकली, ओट्ïस, ब्राउन राइस इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन बी2 (रिबौफ्लेविन) शरीर में इसका काम विटामिन बी के साथ मिल कर कार्य करने के साथ -साथ शरीर के विकास और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी सहायता करना है। शरीर में इसकी कमी से ariboflavinosis होता है। केला, दही, मीट, अंडे, मछली, बीन्स, दूध आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।
-विटामिन बी1 शरीर में इसका काम कोशिकाओं को कार्बोहाइड्रेट की ऊर्जा में बदलने में सहायता करना है। शरीर में इसकी कमी से बेरीबेरी होता है ।ब्लैक वीन्स, मैक्रोनी, ब्रैड,बारले , ब्राउन राइस, कौर्न, और मील इसके मुख्य स्रोत हैं।
- विटामिन के शरीर में इसका काम हृदय की रक्षा करने, हड्डियों के निर्माण व इंसुलिन के स्तर को अनुकूलित करना है। शरीर में इसकी कमी से ब्लीडिंग दिएथेसिस हो जाता है। ऐवोकेडा, कीवी, हरी पत्तेदार सब्जियां इसके मुख्य स्रोत हैं।