Heart Attack : आखिर भारतीय लोगों को क्यों आता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक, जानें इसके पीछे की वजह

Heart Attack Increasing In India: पिछले दो साल में हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ गया है। आम लोगों से लेकर बड़े बड़े सेलिब्रिटीज तक हार्ट अटैक के शिकार हो चुके हैं।

Report :  Anupma Raj
Update: 2022-11-07 01:22 GMT

Heart attack (Image: Social Media)

Heart Attack Increasing In India: पिछले दो साल में हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ गया है। आम लोगों से लेकर बड़े बड़े सेलिब्रिटीज तक हार्ट अटैक के शिकार हो चुके हैं। वहीं एक सर्वे के अनुसार यह जानकारी सामने आई है कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारतीय लोग हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वे कारण:

हार्ट अटैक पर किए गए शोध के अनुसार पहले ये माना जाता था कि 45 से ज्यादा उम्र वालों पुरुषों को और 55 से ज्यादा उम्र वाली महिलाओं को हार्ट अटैक आता था लेकिन पिछले कुछ सालों में इन आंकड़ों में बदलाव देखने को मिले हैं। हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार अब 50% से ज्यादा हार्ट अटैक के मामले 50 से भी कम उम्र के पुरुषों में देखने को मिले हैं और वहीं 25% ऐसे भी पुरुष हार्ट अटैक के शिकार हुए हैं जिनकी उम्र 40 से भी कम है। वहीं कम उम्र की महिलाएं को भी दिल का दौरा पड़ रहा है। भारत में हर मिनट 4 लोगों की मौत का कारण हार्ट अटैक होता है।

हार्ट अटैक होने की ये हैं वजह: (Heart Attack Causes)

तनाव

बेरोजगारी

अकेलापन

मोटापा (खासकर पेट का मोटापा)

गुड कोलेस्ट्रॉल की कमी होना

नींद की कमी

प्री डायबिटिक रोगियों को ज्यादा खतरा

मौसम में बदलाव भी कारण

लिपोप्रोटीन बढ़ना

विटामिन डी की कमी

समय से पहले मोनोपॉज

फैटी लीवर

हार्ट अटैक के लक्षण (Heart Attack Symptoms)

छाती में दर्द लगातार

हाथ में दर्द रहना

जबड़ों में दर्द महसूस होना

पसीना आना

जी मचलाना

घबराहट

लंबे समय से खांसी रहना

सूजन (खासकर पैरों में)

खर्राटे ज्यादा लेना

अनियमित दिल की धड़कन

कैसे करें बचाव (Heart Attack Treatment)

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपने वजन को कंट्रोल में रखे क्योंकि मोटापा हार्ट अटैक का कारण बनता है। शरीर में विटामिन डी की कमी ना होने दें। योगा या एक्सरसाइज करें। टहलने करें की आदत डालें। ज्यादा दिनों तक शरीर में दर्द रहें तो डॉक्टर से दिखाएं, इस इग्नोर करने की गलती ना करें। कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें। तनाव या अकेलापन को खुद पर भावी ना होने दें। मौसम में बदलाव होने पर सेहत पर ध्यान दें। ज्यादा पसीना आए या घबराहट हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर में किसी भी तरह का गंभीर बदलाव दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

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