क्या सच में दुनिया से खत्म हो जाएंगे पुरुष? रिपोर्ट देख आपके उड़ जाएंगे होश

इंग्लैंड के केंट विश्वविद्यालय के एक अध्ययन ने वाई क्रोमोसोम के लगातार घटने पर प्रकाश डाला और विस्तार से बताया है। बताया गया है कि वाई क्रोमोसोम, जो पुरुषत्व का आनुवंशिक आधार है, धीरे-धीरे खराब हो रहा है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-08-28 21:24 IST

Research : एक नए शोध से सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या धरती से पुरुषों का अस्तित्व समाप्त होने का खतरा है? वजह ये है कि "वाई" क्रोमोसोम, जो पुरुषत्व का जेनेटिक आधार है, वह धीरे-धीरे खराब हो रहा है। यह गिरावट यह सवाल उठाती है कि क्या पुरुषों को अंततः विलुप्त होने का सामना करना पड़ सकता है?

क्या है क्रोमोसोम

मनुष्य की प्रत्येक कोशिका में 23 जोड़े गुणसूत्र यानी क्रोमोसोम होते हैं। क्रोमोसोम दरअसल सेल्स में पाया जाने वाला एक धागे जैसा ढांचा है और यह जीव के जेनेटिक मेटेरियल से बना होता है। 23वां गुणसूत्र जोड़ा अनोखा होता है और बच्चे के लिंग का निर्धारण करता है। महिलाओं में एक जोड़ी एक्स गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुषों में एक एक्स और एक वाई गुणसूत्र होता है। वाई गुणसूत्र पुरुष जीव विज्ञान का आधार है।

क्या है नया अध्ययन

इंग्लैंड के केंट विश्वविद्यालय के एक अध्ययन ने वाई क्रोमोसोम के लगातार घटने पर प्रकाश डाला और विस्तार से बताया है। बताया गया है कि वाई क्रोमोसोम, जो पुरुषत्व का आनुवंशिक आधार है, धीरे-धीरे खराब हो रहा है।

दरअसल, पिछले 30 करोड़ वर्षों में, वाई क्रोमोसोम इसने अपने मूल 1,438 जीनों में से 1,393 जीन खो दिए हैं, यानी केवल 45 जीन बचे हैं। जेनेटिक्स के प्रतिष्ठित प्रोफेसर और वाइस चांसलर के फेलो जेनिफर ए. मार्शल ग्रेव्स का कहना है कि, वाई क्रोमोसोम का समय समाप्त हो रहा है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो वाई क्रोमोसोम आने वाले 11 मिलियन वर्षों के भीतर पूरी तरह गायब हो सकता है। ऐसे में नर संतानों के भविष्य और मानव अस्तित्व के बारे में आशंका पैदा हो सकती है।

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस’ में प्रकाशित साल 2022 की एक स्टडी में पता चला है, कि दो तरह के चूहे अपना वाई क्रोमोसोम लॉस कर चुके थे, लेकिन वह फिर भी जिंदा है। दरअसल, इन्होंने सफलतापूर्वक एक नया नर-निर्धारण जीन विकसित कर लिया है, जो भविष्य में उम्मीद की किरण साबित हो सकते हैं।

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