योग टिप्स: ये आसन स्ट्रेस को करेंगे दूर, जरूर करें ट्राई...
योग के बारें में तो हम सभी जानतें होंगे. लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो नीयम से योगा करते होंगे। जवाब में कुछ ने ही हां, कहां होगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि योग आयु की वृद्धि करता है।
योग के बारें में तो हम सभी जानतें होंगे। लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो नीयम से योगा करते होंगे। जवाब में कुछ ने ही हां, कहां होगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि योग आयु की वृद्धि करता है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास वक़्त नहीं की वो दो पल चैन से बैठे या शांति से खुद को समय दे सके।
मन के लिए अच्छा
कोरोना महामारी के वक़्त इस योग को करना आप के मन के लिए अच्छा साबित हो सकता है। इससे मन तो शांत होता ही है, साथ ही बॉडी भी रिलैक्स रहती हैं। योग सांसों पर नियंत्रण की कला है इससे मांसपेशियां भी टोन होती हैं। नियमित योग का अभ्यास करने से शरीर का तनाव और दर्द कम हो जाता है।
योग को करने से न केवल मनुष्य स्वस्थ रह सकता है बल्कि उसे हर प्रकार के तनाव से भी मुक्ति मिलती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कमर को लचीला बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। साथ ही पेट की चर्बी को भी कम करना पड़ता है। आइए जानते है कुछ आसनों के बारे में जिसकों करने से मन और तन दोनों ही तंदरुस्त रहते है-
सबसे पहले आप को सुखासन में बैठे कर आखें बंदकर करनी है। सांसे अन्दर भरते हुए ओमकार का नाद करें और सांसे छोड़ते हुए आवाज को कम करें।
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ग्रीवा शक्ति आसन
ग्रीवा शक्ति आसन करने के लिए अपनी जगह पर खड़े हो जाएं। खड़े होकर हाथों को कमर पर टिकाएं। शरीर को ढीला रखें। कंधों रिलैक्स रखें। सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की ओर लेकर आएं। चिन को लॉक करने की कोशिश करें. इसके बाद सांस भरते हुए गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार काफी लाभकारी होता है। शरीर और मन दोनों को काफी फायदा होगा साथ ही तनाव दूर होता है।
प्रणाम आसन
प्रणाम आसन में पैर के दोनों पंजे जोड़कर खड़े हो जाएं। फिर दोनों हांथों को कंधे के बराबर में उठाएं पूरा भार समान रूप से डालें। दोनों हथेलियों के पृष्ठभाग एक दूसरे से चिपकाए रहें। नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं. आंखें बंद कर मन ही मन सूर्य का ध्यान करें।
अश्व संचालन आसन
अपनी हथेलियों को ज़मीन पर रखें, सांस लेते हुए दाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाएं ,बाएं पैर को घुटने की तरफ से मोड़ते हुए ऊपर रखें। गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं कुछ देर के लिए इसी आसन में रहे।
पर्वत आसन
सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में रखें और अपने हाथ ज़मीन पर सीधे रखें।
संतुलन आसन
घुटनों के बल बैठ जाएं और हथेलियों को कंधों के नीचे जमीन पर रखें। संतुलन आसन की अंतिम अवस्था में आ जाएं।
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भुजंग आसन
धीरे-धीरे अपनी सांस छोड़ते हुए छाती को आगे की और ले जाएं। हाथों को ज़मीन पर सीधा रखें. गर्दन पीछे की ओर झुकाएं ,दोनों पंजों को सीधा खड़ा रखें।
शवासन
पीठ के बल सीधे लेट जाएं ,आंखें बंद। पैरों को आराम की मुद्रा में हल्का खोल कर रखें। पैर के तलवे और उंगलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए। हाथों को बगल में रखकर हथेलियों को ऊपर की तरफ खोलकर रखें। धीरे-धीरे इसे कम करें। जब शरीर में राहत महसूस हो तो आंखों को बंद करके ही थोड़ी देर उसी मुद्रा में आराम करें।
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