Gudia Rape and Murder case: चार साल बाद गुड़िया को मिला न्याय, दोषी नीलू को उम्रकैद की सजा

हिमाचल प्रदेश के चर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में चार साल बाद आखिरकार फैसला आ गया है। कोर्ट ने दोषी नीलू चरानी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-18 09:40 GMT

शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले (Gudia Rape and Murder case) में चार साल बाद आखिरकार फैसला आ गया है। कोर्ट ने दोषी नीलू चरानी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सेशन जज राजीव भारद्वाज की कोर्ट ने दोपहर दो बजे मामले में अपना फैसला सुनाया है। फैसले के दौरान दोषी नीलू भी कोर्ट में मौजूद था।

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई है। वहीं 15 जून को मामले में दोषी की सजा पर बहस पूरी हुई थी और कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाने के लिए तारीख तय की थी। दोपहर 1.58 मिनट पर दोषी को कोर्ट रूम में लाया गया और जज ने दो मिनट बाद नीलू को दोषी करार दिया।

चार साल पहले हुई थी गुड़िया के साथ हैवानियत

करीब चार साल पहले 4 जुलाई 2017 को शिमला (Shimla) के कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा लापता हो गयी थी। 5 जुलाई से परिजनों ने छात्रा की तलाश की। 6 जुलाई को 16 साल की गुड़िया (काल्पनिक नाम) की लाश नग्न अवस्था में हलाईला के जंगल में मिली, पुलिस ने की जांच शुरू की। 7 जुलाई को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि।

मामले की डेट टू डेट कार्रवाई

इस मामले में 10 जुलाई को सरकार ने आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। 11 जुलाई को चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। 13 जुलाई को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 55 घंटे के भीतर मामला सुलझाने का दावा किया साथ ही 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए। 18 जुलाई को आधी रात को पुलिस हिरासत में एक कथित आरोपी सूरज की मौत हो गयी। 19 जुलाई को कोटखाई थाना फूंका गया, केंद्र ने सीबीआई जांच की सिफारिश पर गौर नहीं किया तो राज्य सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। 22 जुलाई को सीबीआई ने दिल्ली में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। 29 अगस्त को सीबीआई ने आइजी समेत आठ पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया। 16 नवंबर को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी गिरफ्तार हुए। 25 नवंबर को सीबीआई ने सूरज कस्टोडियल डेथ मामले पर एसआइटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने कोटखाई से आरोपी नीलू को गिरफ्तार किया। 25 अप्रैल 2018 को-सीबीआई ने हाईकोर्ट में फाइनल स्टेटस रिपोर्ट पेश की। 29 मई को सीबीआई ने नीलू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अब जा कर 4 साल बाद इसी साल 28 अप्रैल 2021 को आरोपी को दोषी करार दिया गया। वहीं 18 जून 2021 को कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 

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