Sonbhadra News: शादी का झांसा देकर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, मिली 10 वर्ष की कठोर कैद
Sonbhadra News: प्रकरण दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से जुडा है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमितवीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को मामले की फाइनल सुनवाई की।
Sonbhadra News: 16 वर्षीय किशोरी को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने, गांव स्तर पर हुई पंचायत में शादी के लिए करार करने के बाद मुकर जाने के मामले में दोषी को 10 वर्ष कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। 20 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की अदायगी न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतने के लिए कहा गया है। प्रकरण दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से जुडा है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमितवीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को मामले की फाइनल सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्य और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए उपरोक्त निर्णय सुनाया गया। पीड़िता के पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिध्करण से समुचित प्रतिकर की सिफारिश भी की गई है।
एक साल से प्रेम संबंध बनाकर कर रहा था शोषण
प्रकरण को लेकर पीड़िता के पिता की तरफ से दुद्धी कोतवाली में चार जुजलाई 2017 को तहरीर दी गई थी। अवगत कराया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को एक साल से लोकेश उर्फ कोमल पुत्र चंदन निवासी वार्ड नं0-एक करबा दुद्धी, कोतवाली दुद्धी एक षडयंत्र के तहत बहला-फुसलाकर कर, शादी का झांसा देते हुए उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। पीड़िता ने जब इसकी जानकारी दी तोग उसने लोकेश और उसके परिवार वालों से बात की। लोकलाज का हवाला दिया। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच बनी सहमति के आधार पर 26 मई 2017 विवाह की तिथि भी तय कर दी गई लेकिन बाद में आरोपी पक्ष की तरफ से आनाकानी शुरू हो गई। 15 मई 2017 को जानकारी मिली तो वह दूसरी जगह शादी कर रहे हैं। जाकर पूछा तो शादी से इंकार किया गया। एतराज जताने पर धमकी दी गई। प्रकरण में पुलिस ने धारा-376, 120बी, 504, 506 आईपीसी और धारा-3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया।
षडयंत्र, गाली-गलौज, धमकी का अपराध नहीं हुआ साबित
विवेचना के दौरान जहां पुलिस ने षडयत्र का साक्ष्य न पाए जाने पर धारा 120बी हटा दी। वहीं, न्यायालय में सुनवाई के दौरान धारा 504, 506 आईपीसी को लेकर पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। इस पर न्यायालय ने भी धारा 504, 506 आईपीसी के मामले में क्लीनचिट दे दी।
इन अपराधों के लिए पाया गया दोषी
लोकेश उर्फ कोगल को धारा-376 (2) (प) आईपीसी का दोषी पाया गया। इसके लिए 10 वर्ष का कठोर कारावास, 10 हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह के कारावास की सजा सुनाई। पास्को एक्ट के लिए भी 10 वर्ष का कठोर कारावास, 10 हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह के कारावास से दंडित किया गया। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। मागले के विचारण के दौरान दोषी द्वारा कारागार में व्यतीत की गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उपलब्ध कराएगा पीड़िता को प्रतिकर राशि
अर्थदंड जमा होने पर 15,500 रुपये नियमानुसार क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे। हालांकि न्यायालय ने माना कि निर्णीत प्रतिकर पीड़िता के पुनर्वास के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए पीड़िता को पुनर्वासित करने के लिए प्रतिकर की सिफारिश की जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतिकर की धनराशि तय कर पीड़िता को पुनर्वास के लिए उपलब्ध कराने का काम करेगा।