सवर्ण आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने या मामला बड़ी बेंच को भेजने का आदेश देने से मना करते हुए कहा था कि जो भी आवश्यक आदेश होगा, उस पर अगली तारीख को विचार किया जाएगा।

Update: 2019-03-28 05:23 GMT

नई दिल्ली: मौजूदा सरकार द्वारा लागू की गई आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई ​होगी।

बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने या मामला बड़ी बेंच को भेजने का आदेश देने से मना करते हुए कहा था कि जो भी आवश्यक आदेश होगा, उस पर अगली तारीख को विचार किया जाएगा। इससे पहले अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था। दरअसल, याचिका में शीर्ष अदालत में 124वें संविधान संसोधन को चुनौती दी गई है।

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यह याचिका यूथ फॉर इक्वॉलिटी और वकील कौशलकांत मिश्रा की तरफ से दायर की गई थी। इनके अनुसार आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता है। याचिका के अनुसार विधयेक संविधान के आरक्षण देने के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है, यह सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ-साथ 50 प्रतिशत के सीमा का भी अतिक्रमण करता है। ध्यान रहे कि यह विधेयक सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने के लिए विधेयक प्रस्तुत किया था, जिसे कुछ पार्टियों को छोड़कर कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष ने समर्थन दिया था। इस विधेयक को लोकसभा ने तीन के मुकाबले 323 मतों से जबकि बुधवार को देर रात राज्यसभा ने सात के मुकाबले 165 मतों से पास किया था। राज्य सभा ने 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सात के मुकाबले 165 वोट से पास किया था। सदन ने विपक्षी सदस्यों के पांच संशोधनों को अस्वीकार कर दिया गया था। इससे पहले लोक सभा ने इसे पास कर दिया था।

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