पाकिस्तान से डेढ़ सौ लोग आ रहे भारत, जानें क्या है पूरा मामला
अजमेर की सबसे प्रसिद्ध दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के 808 वें उर्स में पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था अजमेर आ सकता है। आधिकारिक रूप से नहीं है जानकारी
खबर है कि अजमेर की सबसे प्रसिद्ध दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के 808 वें उर्स में पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था अजमेर आ सकता है। खबर के मुताबिक इस जत्थे में 150 से ज्यादा पाकिस्तानी जायरीन के आने की संभावना है। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे के आने की अनौपचारिक जानकारी मिली है। आधिकारिक रूप से अभी तक इसकी कोई जानकारी पुलिस-प्रशासन को नहीं मिली है।
दो साल से नहीं आ रहा पाक जायरिनों का जत्था
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इससे पहले भी पाकिस्तानी जायरीनों के जत्थे गरीब नवाज के उर्स में आते रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के संबंधों में आई कड़वाहट के बाद से गत दो साल से पाक जायरिनों का जत्था अजमेर नहीं आ रहा है। अब एक बार फिर पाकिस्तान से जत्थे आने की खबर सामने आई है। जिसके बाद पुलिस ने अपनी ओर से इसके लिए सुरक्षा प्लान तैयार किया है।
बीते गुरुवार को असर की नमाज़ के बाद दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ ही उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो चुकी है। उर्स की औपचारिक शुरुआत रजब माह का चांद दिखने के साथ 25 या 26 फरवरी को होगी। चांद की पहली तारीख के साथ ही जन्नती दरवाजा भी खोल दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चढ़ाएंगे चादर
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भी ख्वाजा के दरबार में चादर पेश की जानी है। प्रधानमंत्री की ओर से चादर 25 फरवरी को पेश होनी थी। लेकिन किन्ही कारणों से अब ये चादर 26 फरवरी को पेश की जाएगी। प्रधानमंत्री की ओर से इस चादर को केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पेश करेंगे। उर्स के दौरान देश के तमाम बड़े राजनीतिज्ञों की ओर से गरीब नवाज के दर पर चादर पेश की जाती है।
और देश के नाम संदेश भेजा जाता है। प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीएम अशोक गहलोत, राज्यपाल कलराज मिश्र और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं की ओर से भी उर्स के दौरान ख्वाजा के दरबार में चादर पेश की जाएंगी।