166 साल पुरानी हुई भारतीय रेल, आज ही के दिन की थी पहली यात्रा

जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया था जो कि शक्तिशाली था और साथ ही अपने से भारी वस्तुओं को खींचने में भी सक्षम था| 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 रेल डिब्बों को खींचा गया जिनमें 600 यात्री सवार थे| इस पहली रेलगाड़ी ने लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया| इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए|

Update:2019-04-16 12:49 IST

लखनऊ: हमारे हर सफर में साथ देने वाली भारतीय रेल ने आज अपने 166 सालों का सफर तय कर लिया है, भारतीय रेल आज 166 साल पुरानी हो गयी है| इसने अपना पहला सफर आज ही के दिन 16 अप्रैल 1853 को दोपहर तीन बजकर पैंतीस मिनट पर बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से चलकर 34 किलोमीटर की दूरी तयकर शाम चार बजकर पैंतालीस पर ठाणे पहुंची| इस ट्रेन में 20 डिब्बे लगे हुए थे जिनमें लगभग 400 यात्रियों ने सफर किया था इस रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजन सुल्तान, सिंधु और साहिब ने खींचा था|

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जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया था जो कि शक्तिशाली था और साथ ही अपने से भारी वस्तुओं को खींचने में भी सक्षम था| 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 रेल डिब्बों को खींचा गया जिनमें 600 यात्री सवार थे| इस पहली रेलगाड़ी ने लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया| इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए|

भारतीय रेल के बारे में:

वर्ष 1845 में कलकत्ता में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी की स्थापना हुई और 1850 में इस कंपनी ने मुंबई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया था| भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई जाने लगीं, सबसे पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई| तो 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई| आज भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है|

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कुछ अनसुनी बातें:

1॰ देश में कुल 7,500 स्टेशन हैं। पहला कंप्यूटर बेस्ड टिकट रिजर्वेशन नई दिल्ली में साल 1986 में शुरू हुआ था।

2॰ नवापुर इकलौता ऐसा स्टेशन है जो दो राज्यों के बीच बंटा हुआ है। ये महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर बना है और दोनों में आधा-आधा बंटा हुआ है।

3॰ लखनऊ देश का सबसे व्यस्त स्टेशन है। यहां रोजाना 64 ट्रेनों की आवाजाही होती है।

4॰ गुवाहटी-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस रेलवे की ऐसी ट्रेन है जिसपर बिल्कुल भरोसा नहीं किया जा सकता। ये औसतन 10-12 घंटे की देरी से चलती है।

5॰ त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस देश की इकलौती ऐसी ट्रेन है जो बिना रुके 528 किलोमीटर का सफर तय करती है। ये कोटा से वडोदरा का सफर बिना रुके पूरा करती है।

6॰ वहीं हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस सबसे ज्यादा स्टॉपेज वाली ट्रेन है। इसमें कुल 115 स्टॉपेज पड़ते हैं।

7॰ सबसे कम सफर नागपुर और अजनी स्टेशन के बीच है। ट्रेन इन दो स्टेशनों के बीच केवल 3 किलोमीटर का सफर तय करती है।

8॰ भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाने की तैयारी में है। जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी के ऊपर ये पुल बनाया जाएगा जो आइफिल टॉवर से भी ऊंचा होगा।

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9॰ देश में सबसे लंबी रेलवे सुरंग 11.215 किलोमीटर लंबी है। यह जम्मू-कश्मीर में पीर पंजल रेलवे सुरंग है।

10॰ दुनिया का सबसे लंबा प्लैटफॉर्म भले ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन हो लेकिन सबसे लंबा नाम आंध्र प्रदेश के पास है। आंध्र प्रदेश में Venkatanarasimharajuvaripeta स्टेशन है, जिसका नाम सबसे लंबा है।

11॰ वहीं सबसे छोटे नाम का खिताब ओडिशा के स्टेशन ईब के पास जाता है। इसका नाम ईब नदी के नाम पर रखा गया है।

12॰ भारतीय रेलवे का नई दिल्ली में स्थित म्यूजियम एशिया में सबसे बड़ा है। रेलवे के मैस्कॉट भोली हाथी है, जो एक गार्ड है। देश में सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है। ये दिब्रुगढ़ से चल कर कन्याकुमारी तक 4,273 किलोमीटर का सफर तय करती है।

13॰ भारत की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन मेट्टुपलायम ऊटी निलगिरी पैसेंजर ट्रेन है। ये 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।

14॰ आज भले ही ट्रेनों में प्लेन जैसे टॉयलेट लगाए जा रहे हैं लेकिन इसकी सुविधा काफी समय बाद मिली है। साल 1909 से पहले ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा नहीं होती थी।

15॰ रेलवे रोज 11,000 ट्रेनों का काम संभालता है। देश में रोजाना ढाई करोड़ लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। ये कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है।

16॰ रेलवे की वेबसाइट irctc.co.in दुनिया की सर्वाधिक देखी गई वेबसाइट में से एक है। इस पर हर मिनट लगभग 12-14 लाख विजिटर होते हैं।

17॰ भारतीय रेल नेटवर्क इतना बड़ा है कि पटरियों से पृथ्वी को एक बार घेरा जा सकता है।

18॰ एक ट्रेन ड्राइवर (लोको-पायलट) को सॉफ्टवेयर इंजीनियर से भी ज्यादा सैलरी मिलती है। इन्हें लगभग 1 लाख रुपये प्रतिमाह सैलरी मिलती है।

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