कोरोना वायरस: भारत ने कर दिखाया वो काम, जो अभी तक कोई देश नहीं कर पाया

चीन में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को 1,868 हो गई और अभी तक इसके कुल 72,436 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

Update: 2020-02-18 14:10 GMT

नई दिल्ली: चीन में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को 1,868 हो गई और अभी तक इसके कुल 72,436 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

चीन के वुहान शहर से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस का तोड़ पूरी दुनिया में खोजा जा रहा है। इस बीच पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना की रोकथाम के लिए एक वैक्सीन विकसित की है।

संस्थान को यह कामयाबी अपने साझीदार कंपनी अमेरिकन बायोटेक्नॉलजी फर्म कोडाजेनिक्स की मदद से मिली है। फिलहाल, यह वैक्सीन प्राथमिक क्लिनिकल टेस्ट के लिए तैयार है और 6 महीने बाद वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया जाएगा।

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मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए एसआईआई-कोडाजेनिक्स द्वारा विकसित की गई संभावित वैक्सीन वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक सुरक्षाकवच बनाने में अपेक्षाकृत कम समय लेती है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसआईआई के मालिक और सीईओ अदल पूनावाला का कहना है कि इस वैक्सीन-वायरस का स्ट्रेन मूल कोरोना वायरस के ही समान है और यह एक मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स जनरेट करता है।

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उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन 6 महीने में ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद यह भारत की ऐसी पहली वैक्सीन हो जाएगी, जिसे इतनी तेजी से इस चरण तक लाने में सफलता हासिल हुई है।

पूनावाला के मुताबिक ह्यूमन ट्रायल के बाद इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अप्रूवल की जरूरत होगी, जिसके बाद इसे कोरोना वायरस के तोड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि मानव शरीर पर वैक्सीन की स्टडी में भी एक साल लगेंगे। उन्होंने साल 2022 की शुरुआत में वैक्सीन के पूरी तरह से तैयार हो जाने की उम्मीद जताई। पूनावाला ने कहा कि इस वैक्सीन का विकास समकालीन दुनिया में वैश्विक महामारी का जवाब देने की भारत की क्षमता को भी दर्शाता है।

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