हिंदी पट्टी में जीत से और मजबूत हुआ 'नरेंद्र मोदी फैक्टर' ! 2024 में राहुल गांधी के सामने होगी चुनौतियां

PM Modi or Rahul Gandhi: विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिए खुशखबरी लेकर आए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी पट्टी में भाजपा की जीत संजीवनी लेकर आई है। 2024 में पीएम फेस के रूप में अब नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी पर विमर्श फिर शुरू हो गया है।

Report :  aman
Update:2023-12-03 12:53 IST

PM Modi and Rahul Gandhi (Social Media)

Lok Sabha Elections 2024: देश के चार प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आज (03 दिसंबर) आ रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी बहुमत की ओर अग्रसर है। बीजेपी की मजबूत स्थिति कांग्रेस की परेशानी का सबब बनती जा रही है। कांग्रेस सहित INDIA गठबंधन की पार्टियों के लिए ये नतीजे आहत करने वाले होंगे। उनके अरमानों पर वोटर्स ने जैसे पानी फेर दिया। बीजेपी जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा, हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, और अपनी महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ 'विजयी रथ' पर सवार है, ये कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए बड़े झटके से कम नहीं है। 

विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस-बीजेपी के बीच जुबानी जंग भी खूब चली। राहुल गांधी ने जहां पीएम मोदी के लिए 'पनौती' का इस्तेमाल किया तो प्रधानमंत्री ने इशारों में उन्हें 'मूर्खों का सरदार' बताया। हालांकि, इन बातों का अब कोई मतलब नहीं रहा। सभी दलों की नजर अब 2024 लोकसभा चुनाव पर टिकी है। सीधा मुकाबला राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच माना जा रहा है। अगर, राज्यों के परिणाम पर गौर करें तो सेमीफाइनल निःसंदेह बीजेपी ने जीत लिया।  

हिंदी पट्टी में फिर चमका 'ब्रांड मोदी'

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनाने की तरफ बढ़ रही है। इन तीनों राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन ने एक बार फिर 'ब्रांड मोदी' को चमका दिया है। इन राज्यों में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकटें तो कई महीने पहले बांट दी थी, मगर मुख्यमंत्री का चेहरा किसी भी राज्य में घोषित नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़े गए। इससे पहले, 2018 में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था। नतीजा ये हुआ था कि तीनों ही राज्यों में बीजेपी हार गई थी। लेकिन, इस बार बीजेपी ने पिछली गलती को नहीं दोहराया। बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा और उसका बड़ा असर नजर आ रहा है।

मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों ने किया कमाल

हिंदी भाषी इन तीनों ही राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो की थी। भाजपा के चुनावी नारे भी पीएम मोदी के इर्द-गिर्द ही रहे। मध्य प्रदेश में में 'एमपी के मन में मोदी है' और राजस्थान में 'मोदी साथे अपनो राजस्थान' का नारा दिया था। पीएम मोदी ने महज 25 दिनों में 42 रैलियां और 4 मेगा रोड शो किया। अब इसका असर रिजल्ट में नजर आ रहा है। राहुल गांधी ने भी ताबड़तोड़ रैलियां की लेकिन उसका व्यापक असर परिमाण पर नहीं दिख रहा। 

मोदी का करिश्मा या राहुल में अनुभव की कमी 

भारतीय जनता पार्टी (BJP) तीसरी बार सत्ता में आने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। राहुल गांधी को जनता का वोट हासिल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना शेष है। अब सवाल उठता है आखिर राहुल गांधी और कांग्रेस चूक कहां रही है? दरअसल, मतदाता शायद उनमें अनुभव और करिश्मे की कमी देखती है। इस मायने में प्रधानमंत्री मोदी राहुल से बहुत आगे हैं। गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री और दो बार प्रधानमंत्री का अनुभव इस श्रेणी में उन्हें राहुल से बहुत आगे रखता है। यही वजह है कि, जिस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा 6 महीने पहले कांग्रेस से काफी पीछे चल रही थी, अचानक 'टॉप गियर' में नजर आई। 

राहुल न सिर्फ बात करें, बीजेपी को घेरें भी

कांग्रेस देश में महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को अक्सर उठाती रही है। लेकिन, राहुल मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और जीवन-यापन पर बढ़ते खर्च जैसी मतदाताओं की चिंताओं को उस प्रमुखता से नहीं उठा पा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि, अब राहुल को लोकसभा चुनाव से पहले इन बातों पर खुलकर सरकार को घेरना होगा। न सिर्फ बात करनी होगी, बल्कि बीजेपी का विकल्प बनकर भी सामने आना होगा। 

'नरेंद्र मोदी फैक्टर' ने तोड़ी सीमाएं !

इस साल की शुरुआत में जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी पीएम मोदी ने जमकर प्रचार किया था। लेकिन, नतीजों में उसका असर नहीं दिखा था। बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। तब कांग्रेस नेताओं का कहना था कि 'नरेंद्र मोदी फैक्टर' की अपनी सीमाएं हैं। बात जब भी विधानसभा चुनाव की आती है तो यहां स्थानीय चेहरे ही मायने रखते हैं। लेकिन, तीन राज्यों के रिजल्ट इसे धता बताते नजर आ रहे हैं। 

बीजेपी का 'मिशन 2024' होगा कामयाब   

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अब तक के परिणाम बता रहे हैं कि 'ब्रांड मोदी' ने फिर चमका। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ये खुशखबरी है। क्योंकि, चंद महीनों में ही लोकसभा चुनाव होने हैं। ये तीन राज्य ऐसे हैं, जहां की लगभग सभी लोकसभा सीटें भी बीजेपी के ही पाले में है। 2019 में भाजपा ने इन राज्यों की 65 लोकसभा सीटों में से 62 सीटें जीती थीं। फिलहाल, 2024 का चुनाव कौन जीतेगा, इसकी भविष्यवाणी करना असंभव है। मगर, ये जरूर है कि बीजेपी के सामने राहुल गांधी बड़े चेहरे के रूप में जरूर हैं। 

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