ऑनलाइन भुगतान में 30 फीसदी की गिरावट, जानिए और क्या कहती है ये रिपोर्ट
कोरोना वायरस ने हर क्षेत्र में कहर ढ़ाया है। इस दुनिया का हर क्षेत्र अर्थव्यस्था प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के समय ऑनलाइन डोनेशन में 180 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तो बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इस दौरान कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन पेमेंट में गिरावट भी दर्ज की गई है।
नई दिल्ली कोरोना वायरस ने हर क्षेत्र में कहर ढ़ाया है। इस दुनिया का हर क्षेत्र अर्थव्यस्था प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के समय ऑनलाइन डोनेशन में 180 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तो बिलों के ऑनलाइन भुगतान में 73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इस दौरान कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन पेमेंट में गिरावट भी दर्ज की गई है। यही नहीं, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन घटा है। इसका खुलासा कंपनी रेजर पे के 'द एरा ऑफ राइजिंग फिनेटक' रिपोर्ट के पांचवा संस्करण से हुआ है। इस रिपोर्ट को आज ही लॉन्च किया गया।
सबसे अधिक गिरावट गुजरात
यह रिपोर्ट लॉकडाउन शुरू होने से पहले 24 फरवरी से लेकर 23 मार्च और उसके बाद लॉकडाउन के दौरान कंपनी के प्लेटफार्म पर होने वाले लेनदेन पर है। इसमें कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन में सबसे अधिक 41 प्रतिशत गिरावट गुजरात में दर्ज है। उसके बाद मध्य प्रदेश में 39 प्रतिशत और तमिलनाडु में 26 प्रतिशत है।इस दौरान बिलों के ऑनलाइन पेमेंट में 73 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह आईटी और सॉफ्टवेयर तथा मीडिया और एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में भी क्रमशः 32 और 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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रेजर पे रिपोर्ट के अनुसार, 'जिटिक्स या ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में सप्लाई चेन बाधित होने से डिजिटल ट्रांजैक्शन में 96 फीसदी की गिरावट आई है। डिजिटल लेन-देन में ट्रैवल क्षेत्र में 87 फीसदी, रियल एस्टेट में 83 फीसदी, फूड एंड ब्रीवरेज के क्षेत्र में 68 फीसदी और किराने की सामान की खरीदारी में 54 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी का कहना है कि इस दौरान अहमदाबाद, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में लॉकडाउन शुरू होने से पहले एक माह और लॉकडाउन शुरू होने के एक माह के बाद डजिटल लेनदेन क्रमश: 43 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कम हुआ है।
ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी
पिछले 30 दिनों में देश के छोटे शहरों और कस्बों में मोबाइल वॉलेट ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हुई। इसका कारण पीएम केयर्स फंड में लोगों का बढ़-चढ़कर योगदान देना था। इस अवधि में कैश बैक ऑफर से भी लोग मोबाइल वॉलेट ट्रांजैक्शन करने के प्रति आकर्षित हुए। जियो मनी से डिजिटल लेनदेन में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
रेजरपे के सीईओ ने का कि 30 दिन के दौरान आनलाइन भुगतान में 30 प्रतिशत की गिरावट नोटबंदी के बाद पहली बाद दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी कई मोर्चों पर लगातार अनिश्चितता पैदा कर रही है। इसका वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों पर गहरा प्रभाव होगा।। इस दौरान आनलाइन अनुदान देने के मामलों में 180 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा भुगतान यूपीआई के जरिये 43 प्रतिशत हुए। इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ डेबिट और क्रेडिट कार्ड का स्थान रहा।
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बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर इस समय काफी अनिश्चितता है। ये महामारी फिनटेक इंडस्ट्री के लिए टर्निंग पॉइंट बनती जा रही है। इसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि लॉकडाउन के पिछले 30 दिनों में देश के छोटे शहरों और कसबों में लोगों ने डिजिटल पेमेंट को बड़े पैमाने पर अपनाया।